New Delhi : तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक Axis Bank को वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 1,387.78 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। हालांकि उसके लिए राहत की बात यह रही है कि ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए में इस दौरान कमी आई है।बैंक ने मंगलवार को वित्तीय परिणाम जारी किया। बैंक के मुताबिक बैंक को पिछले साल अंतिम तिमाही में 1,505.06 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। वहीं, दिसंबर तिमाही में 1,757 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
फंसे हुए कर्ज की तुलना में प्रावधान बढ़ाने से बैंक के मुनाफे पर मुख्य रूप से असर देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही में बैंक को ब्याज से होने वाली शुद्ध आय में सालाना आधार पर 19.3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस तरह मार्च तिमाही में बैंक को ब्याज से शुद्ध रूप से 6,807.74 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
31 मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही में बैंक द्वारा दिया गया लोन सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 5,71,424 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, रिटेल लोन सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,05,400 करोड़ रुपये रहा। जबकि कॉरपोरेट लोन ग्रोथ में सालाना आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। बैंक की बैलेंसशीट देखें तो सालाना आधार पर यह 14 प्रतिशत बढ़कर 9.15 लाख करोड़ रुपए की हो गई है। इसकी कुल डिपॉजिट तिमाही आधार पर 19 प्रतिशत और सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़ी है।
बैंक का ग्रॉस एनपीए 5 प्रतिशत से घटकर 4.86 प्रतिशत और नेट एनपीए 2.09 से घटकर 1.56 प्रतिशत रहा है। रुपये में देखें तो नेट एनपीए 12,160.3 करोड़ रुपए से घटकर 9,360 करोड़ रुपए रहा है। बैंक ने इस दौरान प्रोविजनिंग 3,471 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7,730 करोड़ रुपए कर दिया है। कोविड-19 के लिए बैंक ने 3,000 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की है।
इसी तरह नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.57 प्रतिशत से घटकर 3.55 प्रतिशत रहा है। चौथी तिमाही में बैंक का कुल स्लिपेजेस 6,214 करोड़ रुपए से घटकर 3,920 करोड़ रुपए रहा है। बैंक की अन्य आय 13 प्रतिशत बढ़कर 3,985 करोड़ रुपए रही है जो इसके पहले के साल में समान अवधि में 3,526 करोड़ रुपए थी। उधर बैंक के बोर्ड ने भारतीय और विदेशी मुद्रा में 35,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है।