New Delhi : उत्तर प्रदेश में 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूलों में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव सचिव ने जिलों के डीएम को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं। डीएम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि उनको यह देखना होगा कि कोई भी स्कूल फीस वृद्धि न कर पाये। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव अराधना शुक्ला ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इसकी निगरानी करें कि 2020-21 के सत्र में यूपी बेसिक एजुकेशन बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, इंटरनेशनल बैकलौरेटे और आईजीसीएसई से संबंद्ध स्कूलों की फीस न बढ़ाई जाए।
इससे पहले प्रमुख सचिव ने शिक्षाधिकारियों को यह निर्देश जारी किया था कि फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। ऐसे वित्तविहीन स्कूल जो सरकार के आदेश के बावजूद शिक्षकों का वेतन रोके हुए हैं और इसकी जानकारी वे विभाग को नहीं दे रहे हैं, उनको भी नोटिस दिया जाय। अराधना शुक्ला ने निर्देश दिया था कि प्रदेश सरकार के आदेश के बाद कोई भी स्कूल तीन माह की फीस एक साथ नहीं वसूल सकता है और इसके लिए बच्चों के अभिभावकों पर दबाव भी नहीं डाल सकता है। जो स्कूल ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाय। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से यह आपातकाल का समय है और इसमें स्कूलों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को कोरोना योद्धा बनाने का आदेश जारी किया है। इसके लिए उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं प्रयागराज में फंसे प्रतियोगियों को भी उनके घर भिजवाने के लिए 300 सरकारी बसों की व्यवस्था की गई है। इन विद्यार्थियों को दो राउंड में घर पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है और अब संख्या 1955 हो चुकी है।