रामायण सीरियल का एक दृश्य

श्रीराम का छलका दर्द, बोले – कैसा रामराज्य, मुझे किसी सरकार ने आज तक कोई सम्मान नहीं दिया

New Delhi : दूरदर्शन के सबसे पापुलर और हर बच्चे-बुजुर्गों के दिल पर राज करने वाले ‘रामायण’ टीवी धारावाहिक के श्रीराम यानी अरुण गोविल अपनी उपेक्षा को लेकर बहुत व्यथा में हैं। आज एक औपचारिक इंटरव्यू सेशन में उनका यह दर्द सार्वजनिक मंच पर छलक उठा। उन्हें यह दर्द है कि आज तक उनको अपने श्रीराम के रोल के लिये किसी सरकार ने, चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, किसी ने सम्मान नहीं दिया।

 

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर बातचीत के दौरान इस बात का जिक्र किया है। दरअसल, फिल्मफेयर के असिस्टेंट एडिटर रघुवेंद्र सिंह को अरुण गोविल इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान एक सवाल आया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला सलट गया है। मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। और अब रामायण का प्रसारण, क्या अब हम रामराज्य की कल्पना कर सकते हैं? इसी सवाल पर अरुण गोविल का दर्द छलकने लगा।

अरुण गोविल ने लिखा – चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है। मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया। और यहाँ तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूँ, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।

बताते चलें कि लॉकडाउन लगने के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय की पहल पर रामायण सीरियल का प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ। और सीरियल का दोबारा प्रसारण शुरू होते ही इसने सफलता के झंडे गाड़ दिये। रामायण की वजह से सालों बाद दूरदर्शन निजी मनोरंजन चैनलों को पछाड़ कर टीआरपी का बादशाह बन बैठा। ऐसी स्थिति हुए कि रामायण के एक एक एपिसोड को औसतन 10 से 15 करोड़ लोग देख रहे थे।

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