New Delhi : मलेशिया ने कोरोना संक्रमण की बढ़ने की आशंकाओं के बीच अपने देश से सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर खदेड़ दिया है। मलेशिया से भगाये जाने के बाद यह रोहिंग्या बांग्लादेश में आकर बसने की सोच रहे थे। लेकिन बांग्लादेश ने साफ कर दिया है कि वे किसी को प्रश्रय नहीं देंगे। कोई बांग्लादेश में घुसने की कोशिश भी न करे। इसके बाद सैकड़ों रोहिंग्या बीच समुद्र में फंस गये है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि अब किसी भी रोहिंग्या को बांग्लादेश में शरण नहीं दी जायेगी। उनका यह बयान इन खबरों के बीच आया है कि सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश में समुद्र में फंसे हुए हैं। एफे न्यूज ने गुरुवार को मोमेन के हवाले से कहा – हमने निर्णय किया है कि अब अपने यहां और रोहिंग्या को आने नहीं देंगे। कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर ऐसा किया गया है। जिन क्षेत्रों को हम संरक्षित रखना चाहते हैं, हम वहां किसी भी व्यक्ति को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
मलेशियाई अधिकारियों द्वारा खदेड़े जाने के बाद बुधवार को मछली पकड़ने वाली दो नावों में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित लगभग 500 रोहिंग्या बंगाल की खाड़ी में दिखे। इससे एक हफ्ते पहले ही 15 अप्रैल को एक अन्य नौका में करीब 400 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे थे। मोमेन ने स्वीकार किया कि उनके पास दो नावों के बारे में जानकारी है, लेकिन उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की प्राथमिकता उन शरणार्थी शिविर क्षेत्रों की सुरक्षा करना है, जहां हजारों रोहिंग्या पहले से ही रह रहे हैं। उन्होंने कहा 9 यह भीड़भाड़ वाला इलाका है। यदि एक संक्रमित व्यक्ति किसी तरह से भी यहां आ जाता है, तो वह सब कुछ खराब कर देगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों म्यामांर से मलेशिया जा रहे 32 रोहिंग्या मुसलमानों की समुद्र में भूख से तड़प-तड़पकर जान चली गई थी। इनके जहाज को मलेशिया में नहीं घुसने दिया गया इस वजह से ये लोग कई हफ्ते तक समुद्र में भटकते रहे।
इनमें कई महिलाएं और छोटे बच्चे भी थे। बांग्लादेश पहुंचने से पहले करीब 32 लोगों की भूख से जान चली गई। 396 लोगों को बचा लिया गया था। पिछले तीन साल से एशिया में रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या बनी हुई है। म्यामांर रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नागरिक नहीं मानता है। 2017 में हिंसक घटनाओं के बाद सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ दमनचक्र चलाया था। हजारों रोहिंग्या म्यामांर छोड़कर बांग्लादेश सहित दूसरे देशों की ओर पलायन कर गए।