New Delhi : देश में कोरोना आपदा की वजह से लगाये गये लॉकडाउन का एक प्रत्यक्ष फायदा पूरी दुनिया को समझ में आ रहा है और वो है प्रदूषण लेवल में जबरदस्त सुधार। वैसे तो पूरी दुनिया में इस तरह के बदलाव देखने को मिले हैं लेकिन नार्थ इंडिया में जो बदलाव देखने को मिले हैं वो जबरदस्त हैं। देश के सभी हिस्सों में वायु प्रदूषण में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकन स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार नार्थ इंडिया में पिछले 20 वर्षों बाद प्रदूषण में इस तरह का सुधार देखने को मिल रहा है। नासा के सैटेलाइट सेंसर ने यह मापा कि उत्तर भारत में एयरोसोल लेवल पिछले 20 साल में सबसे कम है।
यूनिवर्सिटीज़ स्पेस रिसर्च एसोसिएशन के पवन गुप्ता कहते हैं – हमें पता था कि लॉकडाउन के दौरान हम कई स्थानों पर वायुमंडलीय संरचना में परिवर्तन देखेंगे, लेकिन मैंने इतने कम एयरोसोल लेवल को कभी नहीं देखा। नासा के साउथ एंड सेंट्रल एशिया के सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा – नासा की इन तस्वीरों को 2016 में शुरू होने वाले प्रत्येक वसंत में लिया गया था और यह दिखाती हैं कि भारत में पिछले 20 साल में सबसे कम वायु प्रदूषण है। भारत और दुनिया के अन्य देश एक बार फिर से काम और यात्रा की तैयारियां कर रहे हैं, ऐसे में हमें इसे नहीं भूलना चाहिये।
भारत में लॉकडाउन के शुरूआती कुछ दिनों में एयर पॉल्यूशन में बदलाव का पता लगाना मुश्किल था। दरअसल प्रदूषण स्तर में गिरावट की मुख्य वजह लॉकडाउन तो थी ही, साथ ही उत्तर भारत के कुछ राज्यों में बारिश भी हुई थी। बारिश के बाद एयरोसोल लेवल नहीं बढ़ा। जिसकी वजह से वायु प्रदूषण 20 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। 21 दिन की अवधि के बाद इसे 19 दिन के लिए और बढ़ाया गया है। इस दौरान गैर-जरूरी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। बस, रेल व हवाई सेवाएं भी स्थगित हैं। कल-कारखाने भी बंद हैं।
कानपुर में भी निर्मल हो गई गंगा।लॉकडाउन की वजह से देश में हवा साफ हुई है। कई पर्यावरणविदों का मानना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि इस स्थिति को बरकरार रखा जा सके। लॉकडाउन की वजह से हवा पहले से कहीं ज्यादा साफ हो गई है, नदियों के किनारों से गंदगी गायब दिख रही है। सड़कों पर अनावश्यक भीड़ भी नहीं है। शहर हरे-भरे नजर आ रहे हैं। अब दिल्ली को ही देखो तो लगता है, मानो दिल वही है, बस धड़कन तेज हुई है। बनारस को देखो तो लगता है, रस वही है, बस रवैया नया है।