New Delhi : आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज खराब हो सकता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक देश के कई इलाकों में बारिश हो सकती है। असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल-सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम-त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के इलाकों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आंधी चलने की उम्मीद लगाई गई है। साथ में बिजली कड़कना और ओलावृष्टि की भी चेतावनी जारी। वहीं, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में भी बारिश और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान लगाया गया है।
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को धूप और गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार और मंगलवार को भी हल्की बारिश होने का अनुमान है। गुरुवार को तेज बारिश के साथ कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं। 24 से आसमान साफ हो जायेगा और गर्मी व तापमान में भी दोबारा इजाफा होने लगेगा।
धूप छांव के बीच एकाएक आसमान में बादल छा गए और फुहारें बरस जा रहे हैं। पिछले कई दिनों से मौसम में ऐसा परिवर्तन दिखने को मिल रहा है। अगले 27 अप्रैल तक यह परिस्थिति बने रहने का अनुमान है। मानसून एक्सपर्ट डॉ. एसपी यादव के अनुसार 27 अप्रैल तक ऐसी परिस्थिति बने रहने की संभावना है। इस दौरान 24 या 25 को धनबाद और उसके आसपास तेज बारिश भी हो सकती है। राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से में इसका ज्यादा प्रभाव दिख सकता है। मंगलवार को मूसलाधार बारिश हो सकती है। बताया गया कि इससे मानसून प्रभावित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में शनिवार रात और रविवार सुबह मौसम का मिजाज बिगड़ गया। धूप तो रही दोनों दिन , लेकिन कई इलाकों में शाम को बारिश भी हुई। कई जगहों पर तो आंधी व अंधड़ के साथ बारिश-ओलावृष्टि और वज्रपात ने कहर बरपाया। वज्रपात से 16 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। गोरखपुर रविवार की शाम बारिश और ओलावृष्टि के बीच बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई। देवरिया में सात, गोरखपुर में तीन और कुशीनगर में एक मौत हुई है। वहीं सात लोग झुलस गए। कई स्थानों पर ओले भी पड़े। रविवार की देर शाम उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण समेत कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। वहीं पश्चिम चंपारण के कई इलाकों में ओले भी पड़े। मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई।