New Delhi : दिल्ली के नरेला स्थित देश के सबसे बड़े क्वारैंटाइन सेंटर को सेना के हवाले कर दिया गया है। इस क्वारैंटाइन सेंटर में निजामुद्दीन मरकत के तबलीगी जमात के 932 करोना संदिग्धों को रखा गया है। यह वही जगह है जहां जमातियों ने मेडिकल स्टाफ पर थूकना और गंदी हरकतें करनी शुरू कर दी थी। अब भी यहां के संदिग्ध नियमों का पालन नहीं करते हैं।
बताया गया है कि दिल्ली सरकार के मेडिकल स्टाफ को राहत देने के लिए दिन का प्रबंधन सेना ने अपने हाथ में ले लिया है। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने रविवार को बताया कि अब सिर्फ रात में दिल्ली सरकार के मेडिकल स्टाफ शिविर की देखरेख करेंगे। यहां एक अप्रैल से सेना की 40 सदस्यीय मेडिकल टीम तैनात की गई थी। यहां तबलीगी जमात से जुड़े 932 संदिग्धों को रखा गया है। दिल्ली सरकार ने यह सेंटर मार्च के मध्य में तैयार किया था।
यहां 1250 लोगों को रखा जा सकता है। केंद्र ने कहा- हॉटस्पॉट के जितने भी क्षेत्र हैं उनमें संदिग्धों का पता लगाने के लिए सरकार रणनीति बदल रही है। सेना ने इस क्वारंटीन सेंटर को 16 अप्रैल से अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस क्वारनटीन सेंटर में फिलहाल 40 कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें 6 मेडिकल अफसर और 18 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। इस सेंटर में 1200 से ज्यादा लोग भर्ती हैं जिनमें अधिकांश निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात से जुड़े हैं। सेना अपना काम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक देखती है जबकि इसके बाद का काम सिविल के हवाले होता है।