New Delhi : IAS Tejaswi Rana को बचपन से ही ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी पूरा करने के संस्कार मिले हैं। 2016 बैच में देशभर में 12वां रैंक हासिल करने वाली तेजस्वी राणा के माता-पिता दोनों ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं। परिवार से मिले संस्कारों के चलते तेजस्वी राणा बचपन से ही अपना हर काम ईमानदारी और पूरी लगन से करती आई हैं। राजस्थान में तैनात तेजस्वी राणा का कांग्रेस विधायक का चालान करने पर तबादला कर दिया गया है। इस पर विवाद छिड़ गया है। तेजस्वी के पिता ने कहा – हमें अपनी बेटी पर गर्व है।
दरअसल तेजस्वी राणा ने लॉकडाउन में नियमों की पालन ना करने और लाइसेंस न होने पर एक गाड़ी का चालान किया था। यही गाड़ी बेगूं विधायक के कार्यकर्ता की थी। उसके बाद राजस्थान सरकार ने उनका तबादला कर दिया। इस तबादले को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजनीति से प्रेरित बताया है। आइएएस तेजस्वी राणा का राजस्थान के चितौडग़ढ़ उपखंड अधिकारी पद से तबादला किया गया है।
बेटी के तबादले के बाद तेजस्वी राणा के पिता डॉ. कुलदीप राणा ने कहा कि उनको अपनी बेटी पर गर्व है। हमने उसे कर्तव्यनिष्ठा के संस्कार दिए हैं। कुलदीप राणा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग में शिक्षक हैं और उनकी पत्नी डॉ. सरिता राणा भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। तेजस्वी के पिता बताते हैं कि वह अपने हर काम को पूरी ईमानदारी से पूरा करती आई है। निडर स्वभाव की है और बचपन से ही एक आइएएस अधिकारी बन ईमानदारी से ड्यूटी करते हुए देश की सेवा करने के सपने देखती रही है।
डॉ. कुलदीप राणा ने कहा कि वह एक आइएएस अधिकारी है, ऐसे में तबादले होते रहते हैं। हमें जानकारी मिली है कि इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। उनकी ड्यूटी कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन को सख्ती से पालना करवाने की है। वह अपनी ड्यूटी इसी तरह से निभाती है। शुरू से ही टॉपर रही और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर ही कोई भी कदम उठाती है।