New Delhi : केंद्र की मोदी सरकार ने दावा किया है कि पिछले सात दिनों में कोरोना ग्रोथ में 40 फीसदी की कमी हुई है। लॉकडाउन से पहले तीन दिन में मामले दोगुने हो रहे थे लेकिन अब सात दिनों में मामले दोगुने हो रहे हैं। कोरोना को लेकर जो वैश्विक ट्रेंड हैं उससे कहीं अलग ट्रेंड भारत का है। भारत में कोरोना पर लगाम कसी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा – लॉकडाउन से पहले लगभग 3 दिन में मामले दोगुने हो रहे थे, लेकिन अब लगभग 7 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना के मामले दोगुने होने की दर राष्ट्रीय स्तर से भी कम है। हमें हर मोर्चे पर कोरोना से लड़ना है, कोशिश की जा रही है कि इसकी वैक्सीन जल्द से तैयार हो। कोरोना के मामले दोगुने होने की दर पिछले 7 दिनों में कम हुई है। इसके ग्रोथ फैक्टर में 40 फीसदी की कमी हुई है। महाराष्ट्र में कोरोना के 288 और मामले सामने आये हैं। राज्य में अब तक 3204 संक्रमण के मामले आ चुके हैं। गुजरात में कोरोना के नए 92 मामले सामने आए हैं। कुल संख्या बढ़कर 1021 हो गई है। 74 लोगों को डिसचार्ज किया गया है।
कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर में पिछले चार दिनों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह शुक्रवार को 13.6 फीसदी हो गई। कोरोना से ठीक होने की यह दर गुरुवार को 12.2 फीसदी, बुधवार को 11.41 फीसदी और मंगलवार को 9.99 फीसदी थी। कोरोना से रिकवरी में अगर ऐसे ही इजाफा होता रहा तो यह एक तरह से शुभ संकेत है। पिछले 24 घंटे में महामारी से 260 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो भारत में पिछले 24 घंटे में 260 लोगों की कोरोना वायरस से रिकवरी अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है। गुरुवार को 183 लोग इस बीमारी से ठीक हुए थे। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब तक 1748 लोग जीत हासिल कर चुके हैं और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।
इधर गृह मंत्रालय ने कहा है – सक्रियता से कोविड-19 संक्रमितों की तलाश, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उन्हें क्वारंटाइन करने, इलाज का प्रबंधन और लोगों के बीच जागरुकता फैलाना भी केंद्र की रणनीति का हिस्सा है। बयान में कहा गया है कि सरकार सभी संदिग्ध रोगियों के नमूनों की जांच भी करा रही है, चाहे उनमें लक्षण दिखे हों या नहीं। इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने वाले संदिग्धों और गंभीर श्वास संक्रमण (एसएआरआई) से जूझ रहे लोगों की भी जांच की जा रही है। वहीं (हॉटस्पॉट रेड जोन) वाले जिलों या शहरों में बड़ी संख्या में मामले सामने आने या पहले से ही संक्रमितों की भारी तादाद होने के कारण इनपर ध्यान दिया जा रहा है। संक्रमितों की अधिक तादाद वाले इलाकों में आवाजाही को लेकर सख्ती बरती जाएगी। गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सभी वाहनों की आवाजाही, सार्वजनिक परिवहन और किसी भी व्यक्ति के पैदल इन इलाकों से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी। इन इलाकों से बाहर जाने वाले लोगों का विवरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत दर्ज किया जाएगा और उसपर नजर रखी जाएगी।