New Delhi : सरकार ने 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉकडाउन के दूसरे चरण में राहत दी है। शुरुआत में इसके जरिए सभी सामानों की डिलिवरी नहीं की जाएगी। वर्तमान में ऑनलाइन जरूरी सामान ऑर्डर किए जा सकते हैं। सरकार ने अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से इनकी बिक्री को मंजूरी दी है। यह स्पष्टीकरण केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइन के एक दिन बाद आया है।
एक अधिकारी ने बताया – 20 अप्रैल से बिक्री शुरू होगी लेकिन कंपनियों की डिलीवरी वैन को आवाजाही के लिए प्रशासन की मंजूरी लेनी होगी। दरअसल, गृह मंत्रालय ने पहले जो गाइडलाइन जारी की थी, उसमें सिर्फ खाने-पीने की वस्तुएं, दवाएं और चिकित्सा उपकरणों समेत आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को ही मंजूरी दी गई थी। उत्तर प्रदेश प्रदेश में स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन, उर्वरक, कपड़ा व चीनी मिलों समेत 11 तरह के उद्योगों को चलाने की सशर्त अनुमति दी गई है। हरियाणा में निर्माण कार्य और ढाबे शुरू होंगे। राजस्थान में ग्रामीण व औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन शुरू। बिहार के 27 जिलों में राहत, जहां एक भी मरीज नहीं। मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल, उज्जैन छोड़कर पूरे राज्य में किराना दुकानें खुलेंगी।
जारी दिशा निर्देश के अनुसार वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों को बंद के दूसरे चरण में काम करने की अनुमति दी गयी है। मंत्रालय ने कहा – ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों को जरूरी मंजूरी के साथ सड़कों पर चलने की अनुमति होगी। इससे पहले की अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को खाने का सामान, औषधि और चिकित्सा उपकरण जैसे केवल जरूरी जिंसों की आपूर्ति की अनुमति होगी। जारी दिशानिर्देश में जरूरी और गैर-जरूरी जिंसों के बारे में स्पष्टीकरण नहीं किया गया था। सरकार के इस कदम को औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। ये गतिविधियां 25 मार्च से जारी बंद से ठप हैं। बड़ी संख्या में लोग ई-कॉमर्स कंपनियों के ‘लॉजिस्टिक’ और सामानों की आपूर्ति के काम से जुड़े हैं। इन क्षेत्रों को खोलकर सरकार कर्मचारियों के एक बड़े तबगे के हितों की रक्षा करना चाहती है।