New Delhi : कोरोना वायरस ने त्योहारों के रंग में भंग डाल दिया है। भारत में कोरोना वायरस की दस्तक होली के समय हुई जिस वजह से बड़े स्तर पर होली नहीं मनाया जा सका। इसके बाद रामनवमी, बैसाखी कोरोना के लॉकडाउन के भेंट चढ़ गया और अब रमजान का रंग फीका पड़ने वाला है।
No public shall be allowed to perform five-time congregational prayers in mosques, across Karnataka, during #Ramzan, in view of #COVID19 pandemic. No public address system to be used by the staff of mosques for offering namaz: State Minority Welfare, Waqf & Hajj Department pic.twitter.com/QTEhZ44jYZ
— ANI (@ANI) April 16, 2020
24 अप्रैल, 2020 से रमजान का पवित्र महीना भी शुरु होने वाला है लेकिन इस दौरान सबको कोरोना संकट में सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है। लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ और हज विभाग ने कहा है कि इस बार रमजान के दौरान दावत-ए-सहरी या इफ्तार की कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी।
दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 30 राज्यों के वक्फ बोर्ड के साथ बैठक की है। बैठक में रमजान महीने में लॉकडाउन के दिशानिर्देशों, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन कैसे हो इस बात पर चर्चा हुई। इसी बीच कर्नाटक के वक्फ बोर्ड ने कहा, कोरोना वायरस के देखते हुए पूरे कर्नाटक में रमजान के दौरान मस्जिदों में 5 बार नमाज बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
No arrangements of Dawat-e-Sahri or Iftar shall be organized during #Ramzan, in view of #COVID19 pandemic: Karnataka Minority Welfare, Waqf & Hajj Department https://t.co/PIXS7y9yOP
— ANI (@ANI) April 16, 2020
इस दिशा में कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को जानकारी दी है। कहा गया है कि COVID19 महामारी के मद्देनजर पूरे कर्नाटक में रमजान के दौरान मस्जिदों में पांच बार की सामूहिक इबादत करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी। और ना ही मस्जिदों के कर्मचारियों द्वारा नमाज अदा करने के लिए जनता को बुलाया जाएगा। इसके अलावा राज्य में महामारी के मद्देनजर रमजान के दौरान दावत-ए-सहरी या इफ्तार की कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी।