New Delhi : भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। यह एक तरह से पॉज बटन की तरह है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने पिछले एक-दो महीने में कई एक्सपर्ट्स से बात की है, लॉकडाउन कोरोना संकट का हल नहीं है। यह कुछ समय के लिए कोरोना को रोक सकता है, मगर खत्म नहीं कर सकता है। जब देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो इसका असर फिर से दिखना शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन सिर्फ तैयारी करने का वक्त देता है। लॉकडाउन से कोरोना वायरस को नहीं हरा पाएंगे।
LIVE: Press Briefing via video conferencing.
Posted by Rahul Gandhi on Thursday, April 16, 2020
राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि देश में रणनीति के तहत टेस्टिंग होनी चाहिए और टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। अगर कोरोना वायरस से लड़ना है तो टेस्टिंग को बड़े पैमाने पर बढ़ाना होगा। हमें उन इलाकों में भी टेस्टिंग करनी होगी जहां केस नहीं हैं। रैंडम टेस्टिंग की देश में जरूरत है। इस कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। राहुल गांधी ने सरकार को सलाह दी कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से खुलकर बात कीजिए और उनकी मांगों को सुनिए। उन्हें ज्यादा से ज्यादा अधिकार दीजिए।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए देश को दो मोर्चों पर ज्यादा काम करने की जरूरत है- एक हेल्थ और दूसरा अर्थव्यवस्था। फूड का सेफ्टी नेट तैयार करना होगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दीजिए। साथ ही न्याय योजना के तहत पैसे दीजिए, भले ही आप इस योजना का नाम न दें और दूसरा नाम यूज करें। सिर्फ लॉकडाउन से ही बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत और संसाधन का सही से इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि करोरोना को लेकर अभी देश में इमर्जेंसी जैसे हालात हैं। कोरोना के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना होगा। लॉकडाउन से बात नहीं बनी है, क्योंकि यह महामारी कुछ समय के लिए रुक गई है।
पीएम मोदी से कहां कमी रह गई के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन कोविड-19 को हिंदुस्तान ने हरा दिया, उस दिन बताऊंगा कि सरकार से कमी कहां रह गई। आज मैं कंस्ट्रक्टिव सजेशन देना चाहता हूं, तू-तू-मैं-मैं नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि मैं बहुत सी बातों में नरेंद्र मोदी से असमहत होता हूं, मगर आज मोदी जी से लड़ने का समय नहीं, बल्कि एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।
राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन को रणनीति के तहत खोलना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बीमारी से लड़ना हो तो हिन्दुस्तान को जाति-धर्म को भूलकर एक होना पड़ेगा। जहां हिन्दुस्तान ने बीच में लड़ाई की, बात वहीं खत्म हो जाएगी। इस बीमारी के लिए बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए। इससे किसी को नुकसान नहीं है।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के कारण अन्न संकट से जूझ रहे गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए आपातकालीन राशन कार्ड जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में सरकार के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं है। गोदामों में राशन पयार्प्त मात्रा में उपलब्ध है और लॉकडाउन में जो गरीब अन्न की किल्लत झेल रहे है उनको सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएस के तहत इन कार्जों के माध्यम से राशन दिया जाना चाहिए।
राहुल ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संकट में आपातकालीन राशन कार्ड जारी किए जाएं। ये उन सभी के लिए हों जो इस लॉकडाउन में अन्न की कमी से जूझ रहे हैं। लाखों देशवासी बिना राशन कार्ड के पीडीएस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अनाज गोदाम में सड़ रहा है जबकि सैकड़ों भूखे पेट इंतज़ार कर रहे हैं। यह अमानवीय है।