New Delhi : उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने कहा है कि 20 अप्रैल से केंद्र के निर्देशानुसार बड़ी निर्माण परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किये जाने की अनुमति शर्तों के अधीन प्रदान किये जाने के निर्देश दिये हैं। इन परियोजनाओं में सड़क, एक्सप्रेस-वे, हाईवे, मेडिकल कॉलेज का निर्माण तथा बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। ऐसी परियोजनाओं से जुड़े इंजीनियरों, श्रमिकों की चिकित्सीय जांच कराकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराते हुए निर्माण कार्य की अनुमति दी जाये। इनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था कार्य स्थल पर ही करना होगा। योगी आदित्यनाथ ऑफिस के ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक छह सात ट्वीट करके 20 अप्रैल से व्यावसायिक गतिविधयों को दी जानेवाली छूटों के बारे में जानकारी दी गई है।
सभी पेट्रोल पम्प, CNG, LPG तथा PNG के आउटलेट्स खोले जाएंगे। जिला प्रशासन एवं उनके अधीन कोषागार खोले जाएंगे।
सभी मंडियां तथा क्रय केन्द्र खुले रहेंगे।
पशु चिकित्सालय भी खोले जाएं।
-मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 15, 2020
20 अप्रैल से ऐसी इन्टीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स में स्थित औद्योगिक इकाइयों, जिनके टेक्निकल व अन्य कर्मचारी साइट पर उपलब्ध हैं, उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ संचालित किए जाने की अनुमति दी जाए।
कर्मचारियों व अधिकारियों हेतु विशेष बस लगाई जाएगी।
-CM श्री @myogiadityanath जी— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 15, 2020
कहा गया है – 20 अप्रैल से ऐसी इन्टीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स में स्थित औद्योगिक इकाइयों को शुरू किया जायेगा, जिनके तकनीकी और अन्य कर्मचारी साइट पर ही रहते हैं या रह सकते हैं। ऐसी औद्योगिक इकाइयों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ यूनिट संचालित किये जाने की अनुमति दी जायेगी। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिये विशेष बस लगाई जाएगी।
सभी पेट्रोल पम्प, CNG, LPG तथा PNG के आउटलेट्स खोले जाएंगे। जिला प्रशासन एवं उनके अधीन कोषागार खोले जाएंगे। सभी मंडियां तथा क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। पशु चिकित्सालय भी खोले जायेंगे। बैंक यथावत बैंकिग समय के अनुसार कार्यशील रहेंगे। स्टाम्प एवं रजिस्ट्री का कार्य कुछ शर्तों के साथ प्रारंभ किये जायेंगे। कार्यालयों में न्यूनतम आवश्यक स्टाफ के द्वारा कार्य सम्पादन किया जाएगा। दवा, मेडिकल सुरक्षा, आटा मिल, दाल मिल, राइस मिल जैसी आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्री के निर्माण से जुड़े उद्यम को पूर्व में दी गई अनुमति जारी रहेगी। ईंट-भट्ठे यथावत चलते रहेंगे। चीनी मिल तथा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयां भी चलती रहेंगी।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कहा कि दवा,मेडिकल सुरक्षा, आटा मिल,दाल मिल, राइस मिल जैसी आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्री के निर्माण से जुड़े उद्यम को पूर्व में दी गई अनुमति जारी रहेगी। ईंट-भट्ठे यथावत चलते रहेंगे। चीनी मिल तथा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयां भी चलती रहेंगी।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 15, 2020
इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। कोरोना के इलाज में डॉक्टरों और नर्सों की कमी न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हेल्थ वर्कर की कमी दूर करने के लिये फाइनल वर्ष की स्टूडेंट्स को लगाया जाये। योगी आदित्यनाथ ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर पर इसकी जानकारी दी गई। ट्वीट में लिखा गया है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए कि एम.बी.बी.एस. तथा नर्सिंग कोर्स के फाइलन ईयर के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा संबंधी कार्य सौंपे जाएं, जिससे कोविड अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न हो। ये एक बड़ा फैसला है। फाइनल ईयर के छात्र वैसे भी जल्द ही अपने-अपने प्रोफेशन में जुटने वाले थे। लेकिन योगी सरकार ने पहले ही उन्हें चिकित्सीय काम में लगाने का फैसला लिया है।
भारत सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है कि ऐसी परियोजनाओं से जुड़े इंजीनियरों तथा श्रमिकों की चिकित्सीय जांच कराकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराते हुए निर्माण कार्य की अनुमति दी जाए। इनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कार्य स्थल पर ही की जाए।
-CM श्री @myogiadityanath जी— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) April 15, 2020
साथ ही इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे कोरोना को रोकने में मदद मिलेगी और डॉक्टर्स व नर्सों की कोई कमी नहीं होगी। एक अन्य ट्वीट में बताया गया – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए। साथ ही, निजी मेडिकल कॉलेज तथा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाए। इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में बताया गया – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सालयों को ‘कोविड केयर अस्पताल’ तथा ‘नॉन कोविड केयर अस्पताल’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए। नॉन कोविड केयर अस्पतालों में शेष रोगों से संबंधित इमरजेंसी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी।