New Delhi : PM Narendra Modi ने आज विपक्षी नेताओं से बात की। 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग करेंगे उसी में लॉकडाउन को आगे बढ़ाना है या नहीं इस पर फैसला लिया जायेगा। प्रधानमंत्री ने इस बातचीत में लॉकडाउन बढ़ाये जाने के संकेत दिये हैं और 11 को इसकी घोषणा हो सकती है।
सर्वदलीय बैठक में शामिल एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि बैठक में हर किसी ने लॉकडाउन को लेकर सुझाव दिया। उन्होंने कहा – कुछ लोगों ने इसे आंशिक तौर पर हटाने का सुझाव दिया जबकि कुछ लोगों ने इसे जारी रखने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक उनके पास जितनी जानकारी आई है, उसमें लॉकडाउन को हटाना मुश्किल होगा। हमने भी अपनी पार्टी की तरफ से लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद एहतियाती कदम उठाने की अपील की। लंबे समय तक सीमाओं को सील रखने। इंटर स्टेट, इंटर डिस्ट्रिक्ट की सीमाओं को बंद रखने की जरूरत पर जोर दिया।
पीएम ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया COVID-19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। वर्तमान स्थिति ऐसी है जिससे मानव जाति का इतिहास बदल देगी। हमें इसका मुकाबला करने के लिए विकास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय पीएम ऑफिस के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर सभी राज्य प्रशंसनीय प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनडीए और विपक्षी दलों के 16 सांसदों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा की। यह पहली बार है जब मोदी ने विपक्षी सांसदों के साथ कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इससे पहले वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, क्रिकेटर्स, फिल्मी सितारों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।
मोदी के साथ चर्चा में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपध्याय, शिवसेना के संजय राउत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, राकांपा के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और जदयू के राजीव रंजन समेत कई सांसद शामिल हुए।
लॉकडाउन को हटाने पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विपक्षी सांसदों से लॉकडाउन हटाने और सांसद निधि में कटौती के मुद्दे पर चर्चा की। सांसद निधि में कटौती को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है। ऐसे में कई राज्यों ने इसे जारी रखने का सुझाव दिया है। कोरोना पर गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल-कालेज, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश की है। मंत्री समूह की राय है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ने की सूरत में भी ये गतिविधियां बंद ही रहनी चाहिए। साथ ही, धार्मिक केंद्रों और मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जाए। मंत्रीसमूह की बैठक मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी।
प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ तीसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इससे पहले मोदी ने 20 मार्च और 3 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। उन्होंने राज्यों से जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट पर काम करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अब हमारा फोकस टेस्टिंग और क्वारैंटाइन सुविधाओं पर होना चाहिए। मोदी ने राज्यों को हेल्थ केयर ह्यूमन रिसोर्स में बढ़ोतरी करने और फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिलाने की सलाह दी थी। वहीं, रिटायर्ड हेल्थ वर्कर्स, एनएसएस, एनसीसी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल कर फोर्स बनाने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने में मदद करेंगे।