New Delhi : चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों की मानें तो अंजनी के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था। वानरराज केसरी इनके पिता हैं, इसलिए इन्हें केसरीनंदन भी कहते हैं। हनुमान जी को शिव के 11वें रुद्रावतार हैं। हनुमान जयंती पर भगवान शंकर को देसी घी के बने लड्डुओं का भोग लगाना बेहद शुभ होता है।
हनुमान जयंती के दिन प्रात: काल सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत रखने से आपको धन लक्ष्मी का लाभ होता है। इसके बाद यज्ञोपवीत धारण करके किसी सिद्ध हनुमान मंदिर में जाकर चमेली का तेल या घी चढ़ायें और दिया जलायें, फिर हनुमान जी का श्रंगार करके चोला चढ़ाएं। मिट्टी के दीपक से आरती करें और उस मिट्टी के दीपक पर चार दाने उड़द की दाल डाल कर उनसे शुभ मंगल की कामना के लिए प्रार्थना करें। इस वर्ष बुधवार 8 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जायेगा।
हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चन्दन, केसरी, सिन्दूर, लाल कपड़े और भोग हेतु लड्डू अथवा बूंदी चढ़ती है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, क्योंकि यह बुरी शक्तियों का विनाश करने और मन को शान्ति प्रदान करने की क्षमता रखती है। हनुमान अवतार को महान शक्ति, आस्था, भक्ति, ताकत, ज्ञान, दैवीय शक्ति, बहादुरी, बुद्धिमत्ता, निःस्वार्थ सेवा-भावना आदि गुणों के साथ भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है।
हनुमान भक्त हनुमान जी की प्रार्थना उनके जैसा बल, बुद्धि, ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं। इनके भक्तों के द्वारा इनकी पूजा बहुत से तरीकों से की जाती है; कुछ लोग अपने जीवन में शक्ति, प्रसिद्धी, सफलता आदि प्राप्त करने के लिए बहुत समय तक इनके नाम का जाप करने के द्वारा ध्यान करते हैं।