New Delhi : मध्य प्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में Corona Virus के 10 पॉजेटिव मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर रात जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 3 और 4 अप्रैल को भेजे गए सैंपल में से 16 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।
16 में से 10 लोग इसी टाटपट्टी बाखल इलाके के हैं। एक अप्रैल को यह इलाका उस समय सुर्खियों में आया था जब यहां के लोगों ने मेडिकल टीम पर हमला बोल दिया था। कोरोना संदिग्ध को देखने गए डॉक्टरों की टीम पर पत्थरबाजी हुई थी, कोरोना के दस पॉजेटिव मरीजों में 5 पुरुष और 5 महिलाएं हैं। इनकी उम्र 29 साल से 60 साल तक है।
इंदौर का यह वही इलाका है जहां 1 अप्रैल को स्क्रीनिंग करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव हुआ था जिसके बाद देश भर में घटना की निंदा हुई थी। बाद में डॉक्टरों पर हमला करने वालों पर कलेक्टर ने NSA लगाकर जेल भेज दिया था।
लेडी डॉक्टरों पर हमला मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। आरोपियों ने पुलिस के सामने यह खुलासा किया है कि आखिर किसके उकसाने पर उनलोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव किया। पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। साथ ही 10 अन्य की शिनाख्त हुई है। इसके साथ ही इंदौर पुलिस पथराव के वीडियो को देख उन महिलाओं की पहचान करने में जुटी है जो इस भीड़ में शामिल थीं।
आरोपियों ने बताया है कि चाची ने हमलोगों के बीच में गलतफहमियां पैदा कर उकसाया। उनके उकसाने के बाद ही हम लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बोल दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस अब समोसे वाली चाची की तलाश भी कर रही है। आरोपियों ने पुलिस से यह भी कहा है कि डॉक्टरों की टीम मुबारिक की मां (जिन्हें मोहल्ले के लोग समोसे वाली चाची कहते हैं) के घर में स्क्रीनिंग कर रही थी। उन्होंने शोर करने के साथ ही डॉक्टरों के धमकाया भी था।
इधर गृह मंत्रालय ने डॉक्टरों और उनकी टीम की सुरक्षा को लेकर राज्यों को खत लिखा है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि जो लोग स्वास्थ्य सेवाओं में काम कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। पत्र में स्वास्थ्य और सीमावर्ती श्रमिकों पर हमले के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के बारे में भी लिखा है। यह जानकारी गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने दी।
सिर्फ इंदौर ही नहीं, बीते दिनों देश के कई शहरों से इस तरह के मामले सामने आए थे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि जो लोग संकट की घड़ी में भगवान के रूप में हमारे लिए काम कर रहे हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना बिल्कुल गलत है। यूपी से लेकर बिहार तक और अन्य राज्यों में भी डॉक्टरों की टीम पर हमले की खबर है। तेलंगाना में भी एक मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों पर हमला बोल दिया था जिसके बाद वहां की सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया था।