New Delhi : ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना आपदा के डर में जी रहा है, कुछ लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं जो पूरे समाज को कलंकित कर रहा है। समाज को कलंकित करने का एक ऐसा ही मामला बिहार से सामने आया है।
दरअसल दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भी कई मस्जिदों में इसी तरह के जमात की खबरें आ रही है। ऐसी ही एक सूचना के आधार पर मंगलवार की देर रात बिहार के मधुबनी में पुलिस तहकीकात करने पहुंची थी। लेकिन मस्जिद में मौजूद लोगों ने पुलिस पर ना सिर्फ प’थ’राव किया बल्कि फा’य’रिं’ग भी कर दी। तब्लीगी जमात समर्थकों के ह’म’ले के बाद बीडीओ और थानेदार वहां से भाग निकले थे। लेकिन मस्जिद के लोगों ने प्रशासन की एक गाड़ी में तो’ड़’फो’ड़ कर उसे तालाब में गिरा दिया। पुलिस ने बुधवार की सुबह मामले में कार्रवाई करते हुए 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए 4 लोगों को पकड़ लिया है।
मधुबनी के एसपी डॉ सत्यप्रकाश ने बताया कि मंगलवार की रात बिहार में तब्लीगी जमात की तलाश में मस्जिद में पहुंची मधुबनी पुलिस पर स्थानीय लोगों ने फा’य’रिं”ग और पथराव कर दिया था। जबकि अधिकारी एक मस्जिद में तब्लीगी जमात के लिए लोगों के जमावड़े की खबर पाकर जांच करने गए थे।
मधुबनी के एसपी डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया – फिलहाल जांच में यह पाया गया है कि उस मस्जिद में दिल्ली के निजामुद्दीन जमात में शामिल हुआ व्यक्ति नहीं था। इस मस्जिद में आए लोग ज्यादातर नेपाल से आए है. हालांकि उनकी पहचान के लिए पुलिस प्रशासन के लोग अभी भी जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गीदड़गंज की मस्जिद में कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की बात अभी तक सामने नहीं आई है।
इधर दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मामले के बाद देश में कोरोना वायरस के मामलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। यहां लॉकडाउन के बावजूद करीब 2000 लोग इकट्ठा हुए थे, जिनमें से कुछ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मामले में अब मोदी सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का बयान सामने आया है और उन्होंने इसे तालिबानी जुर्म करार दिया है।
मरकज़ मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा – तबलीगी ज़मात के लोगों के द्वारा को काम किया गया है, वह एक तालिबानी जुर्म है जिसकी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इन्होंने लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला है। इस कार्यक्रम का आयोजन कराने वाले लोगों और संस्था के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिये।
इससे पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोनावायरस को नियंत्रित करने के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि अगर इसके कारण कोई मौत हुई, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। रिजवी ने एक वीडियो के जरिए यह संदेश दिया है।
लगभग 30 सेकंड के इस विडियो में वसीम रिजवी कहते हैं – मोदी जी के हिंदुस्तान के लॉकडाउन करने का फैसला हिंदुस्तान की भलाई के लिए है। लेकिन कुछ कट्टरपंथी मुसलमान मोदी जी से दुश्मनी रखने की वजह से इस लॉकडाउन को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं और लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। खुदा न करे अगर यह महामारी मुस्लिम इलाकों में फैलती है और उनमें किसी की मौतें होती हैं तो उन मौतों के जिम्मेदार वे सब खुद होंगे और उनके परिवार के खिलाफ सरकार को चाहिए कि मुकदमे दर्ज कराए।
इधर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तबलीगी जमात के मुखिया पर जमात के लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है। आजतक न्यूज चैनल से बातचीत में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा – इस जमात के जो मुखिया हैं, उनके भाषण यूट्यूब पर मौजूद हैं। 28 मार्च के इनके भाषणों को देखने वालों की तादाद 80 हजार से भी ज्यादा है। वो इस पूरे अभियान (कोरोना के खिलाफ मुहिम) का मजाक बना रहे हैं। वो इसको साजिश बता रहे हैं। वो कह रहे हैं कि लोगों को मशवरा दिया जा रहा है कि जब तक यह सब (कोरोना वायरस) खत्म न हो जाए तब तक आप मस्जिद मत आएं। बल्कि मैं कह रहा हूं कि आप मस्जिद जरूर आइए।
राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में मौजूद तबलीगी ज़मात के मरकज़ में दुनिया के अलग-अलग इलाकों से लोग आए थे। यहां कार्यक्रम में शामिल होने के बाद करीब 1000 लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में चले गए हैं, जिन्हें ढूंढने का काम जारी है। इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेकर तेलंगाना पहुंचे 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि एक कश्मीर का व्यक्ति भी मर चुका है। इसी घटना के बाद देश में अफरातफरी का माहौल है और इसे एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है।