New Delhi : निज़ामुद्दीन मरकज़ में शामिल 100 लोगों में Corona की पुष्टि होने के बाद आज सुबह सभी 2100 लोगों को यहां से बाहर निकाला गया। जिन 100 लोगों में पुष्टि हुई है उसमें से 50 तमिलनाडु के हैं। आज सुबह 4 बजे मरकज को खाली कराया गया। करीब 2100 लोग मरकज़ से निकाले गए। हालांकि, मरकज़ से जुड़े लोगों का दावा था कि अंदर महज़ 1000 लोग थे। तेलगांना के 6 समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई थी। दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी।
राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज़ में शामिल हुए, जबकि मरकज़ के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे। तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में 300 विदेशी लोगों के शामिल होने की खबर है।
मरकज़ में शामिल लोगों के इतने बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जाने के बाद देश के विभिन्न राज्यों से इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है। साथ ही उन्हें क्वारंटाइन में रखने और उनका परीक्षण करने को आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि मरकज़ में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग शामिल हुए थे। अब इन लोगों की तलाश की जा रही है ताकि कोरोनावायरस के संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।
दक्षिण दिल्ली की वह इमारत जहां निजामुद्दीन मरकज़ के तहत कई देशों के लोग पहुंचे थे, उसे केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस हॉटस्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है) घोषित किया है। 28 मार्च को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि हमें सूचना मिली है कि तबलीगी जमात में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है, हमें आशंका है कि अन्य देशों से आए लोगों से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है। तबलीग-ए-जमात 100 साल से ज्यादा पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है। यहां देश-विदेश से लोग लगातार साल भर आते रहते है।