पत्नी के पैर में फ़्रैक्चर था तो उसको कंधे पर उठाकर 257 किमी दूर घर के लिए निकला पति

New Delhi : देश में Corona Virus से संक्रमितों का आंकड़ा 720 से ऊपर पहुंच चुका है। 21 दिन के लॉकडाउन का शुक्रवार को तीसरा दिन है। काम-धंधा ठप होने से गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर मजदूर और रोज कमाकर खाने वालों पर आजीविका का संकट गहरा गया है।
अहमदाबाद से बांसवाड़ा के लिए निकले एक दंपती को 257 किमी पैदल सफर करना है। पत्नी के पैर में फ्रैक्चर है, इसलिए पति उसे कंधे पर उठाकर निकल पड़ा।वह अहमदाबाद से राजस्थान के बांसवाडा के लिये निकला है। क्योंकि अहमदाबाद में काम धंधा चौपट हो गया है और बेरोजगारी में उसके लिये अहमदाबाद में रहना मुश्किल था। आने जाने का कोई साधन नहीं सो वो पैदल ही निकल पडा। आवागमन के साधन नहीं होने पर कई लोग पैदल ही गुजरात से राजस्थान, दिल्ली से बिहार और अन्य राज्यों में अपने घरों की ओर चल पड़े हैं। ऐसी ही राहगीरों को उत्तर प्रदेश में पुलिस ने गुरुवार को खाना खिलाया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सब्जी बाजार में ग्राहकों के खड़े रहने के लिए गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग समझाई और लोग पीछे ग्रुप में खड़े थे।

ममता बनर्जी सोशल डिस्टेन्शिंग का पाठ पढाते हुए

अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लन का कहना है कि यहां कोरोनावायरस संक्रमण के पहले मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उन्हें गुरुनानक देव हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में रखा गया था। वे हाल ही में इटली से लौटे थे। महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ में भी दो मरीज ठीक हुए हैं। उनकी भी आज छुट्‌टी होगी।
महाराष्ट्र के नासिक से 200 लोगों को लेकर विशेष ट्रेन कानपुर पहुंची। यहां सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई और उन्हें 14 दिन क्वारैंटाइन रहने की सील लगाई गई।

पाकिस्तानी आर्मी कोरोना के इलाज में जुटे डाक्टर को सैल्यूट करते हुए

इस बीच, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान वे जरूरी सामान का दान करेंगे। इसमें कहा गया है, “दलाई लामा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को खत लिखा है। हम जरूरी दवा और भोजन दान करेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि नरेंद्र मोदी सरकार इस आपदा से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।” लामा ने 12 फरवरी के बाद सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी थी। तिब्बती धर्मगुरू का मुख्य दफ्तर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है।

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