New Delhi : लोग शनिदेव को शांत रखने के लिए न जाने क्या–क्या उपाय करते हैं। कहा जाता है कि जिसकी कुंडली में यह ग्रह गलतभाव में होता है, उसके कष्टों की कोई सीमा नहीं होती है। मगर अच्छे भाव में इनकी मौजूदगी व्यक्ति को हर सुख और वैभव से संपन्न भीबना देती है।
शनिदेव को मनाने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं। जिससे आपके अच्छे दिन लौट आएंगे।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए अपने माता–पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें। यदि आप अपने माता–पिता से दूर रहते हैं तो उन्हें फोनसे या फिर मन ही मन प्रतिदिन प्रणाम करें।
यदि आप पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है आप खुद को तमाम परेशानियों से घिरा पा रहे हैं तो शमी के वृक्ष की जड़ को कालेकपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।
शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है। नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिवके पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
भगवान शिव की तरह उनके अंशावतार बजरंग बली की साधना से भी शनि से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। कुंडली में शनि से जुड़े दोषोंको दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसादचढ़ाएं।
शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
शमी का वृक्ष घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव कीकृपा भी बनी रहेगी।
शनिवार के दिन शनि महाराज को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथही शनिवार के दिन महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें।