New Delhi : पाकिस्तान में Corona Virus को लेकर हालात खराब होते जा रहे हैं। पाकिस्तान में गुरुवार को कोरोना वायरस सेपॉजिटिव लोगों की संख्या 301 के आँकड़े को पार कर गई है। भारत समेत दक्षिण एशिया में यह सबसे ज्यादा है। कोरोना के कहर सेबचने के लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी मदद की गुहार लेकर चीन पहुंच गए हैं।
पाकिस्तान में संक्रमण के मामले सभी प्रांतों में सामने आ रहे हैं लेकिन 208 मरीजों के साथ सिंध कोरोना से सबसे प्रभावित प्रांत है।बलूचिस्तान में 23 मामले सामने आ चुके हैं। ईरान से सटे होने के कारण भी पाकिस्तान में संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका जताईगई है।
तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच मुल्क में लोगों की सबसे बड़ी चिंता समुचित जांच और इलाज को लेकर है। कोरोना संक्रमणकी जांच के लिए विशेष किट, मास्क और अन्य जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों की कमी को देखते हुए डॉक्टरों ने काम बंद करने कीचेतावनी दी है। लाहौर में लोगों ने शिकायत की है कि कुछ अस्पताल कोरोना संक्रमण की जांच के लिए नौ हजार रुपये तक वसूल रहेहैं। सरकार का हालांकि कहना है कि जांच मुफ्त हो रही है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के तमाम दावों के विपरीत वहां पर हालात खराब होते जा रहे हैं। सिंध प्रांत तो कोरोना का गढ़ बनताजा रहा है।
सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वालेकराची शहर में ही कोरोना के 40 मामले सामने आए हैं। हालत यह है कि पाकिस्तान में संक्रमित लोगों को बचाने में जुटे डॉक्टर हीसुरक्षित नहीं हैं। यहां के एक बड़े नामी अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज में जुटे दो डॉक्टरों को संसाधनों की कमी केकारण कोरोना के संदिग्ध के तौर पर आइसोलेशन (एकांतवास) में भर्ती करना पड़ा है।
द नेशन की खबर के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) में बचाव के बुनियादी संसाधन तकउपलब्ध नहीं हैं, जिस वजह से यहां डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं। रविवार को कोरोना संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को वेंटिलेटर पर लेकरजाने वाले दो डॉक्टरों को ही एकांतवास में रखना पड़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जारहा है, क्योंकि अस्पताल में सेवारत लगभग 800 मेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) भी पर्याप्त तौर परउपलब्ध नहीं हैं।
टिड्डियों की मार से जूझ रहे पाकिस्तान में कोरोना ने हालात और ज्यादा खराब कर दिए हैं। इस दोहरे संकट से जूझ रहे इमरान खान नेराष्ट्रपति आरिफ अल्वी को अपने ‘सदाबहार मित्र‘ चीन से मदद मांगने भेजा है। चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस संकट की शुरुआतके बाद किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली चीन यात्रा है। यही नहीं राष्ट्रपति अल्वी की भी यह पहली चीन यात्रा है।
कोरोना से निपटने के लिए अब पाकिस्तान को चीन से मदद लेनी पड़ी है। इससे पहले पाकिस्तानी प्रशासन ने भारत के विपरीत अपनेछात्रों को चीन से निकालने से इनकार कर दिया था। उसे डर था कि कहीं यह महामारी उसके दरवाजे तक न आ जाए। अपने नागरिकोंके के साथ इमरान खान की यह बेरुखी काम नहीं आई और अब कोरोना महामारी की चपेट में पाकिस्तान के कई सूबे आ गए हैं।