New Delhi : मध्य प्रदेश में विधानसभा में BJP की ओर से फ्लोर टेस्ट की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को करीब 4 घंटे सुनवाईहुई। कांग्रेस, भाजपा, राज्यपाल, स्पीकर और बागी विधायकों की ओर से 5 वकीलों ने दलीलें पेश कीं। मुख्यमंत्री Kamalnath कीतरफ से अदालत में तर्क दिया गया कि वह अपने बागी विधायकों से मिलना चाहते हैं। तो बागी विधायकों के वकील ने कहा किविधायक आपसे नहीं मिलना चाहते। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को शांत कराते हुए कहा कि ‘ये बच्चों की कस्टडी का मामलानहीं है।‘ बागी विधायकों ने इसके बाद कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होने को तैयार हैं। जस्टिस DY Chandrachur ने उनकेवकील से कहा कि ‘मैं कारण जानता हूं कि क्यों आप ऐसा कह रहे हैं। लेकिन ये सही नहीं होगा। हम सुनवाई गुरुवार के लिए स्थगितकरते हैं।‘ दूसरी तरफ, कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु में रह रहे मध्य प्रदेश के विधायकों से मुलाकात की मांग वाली दिग्विजय सिंह कीयाचिका खारिज की।
Supreme Court to continue hearing tomorrow the petition filed by former Madhya Pradesh CM & BJP leader, Shivraj Singh Chouhan, and others to hold floor test in the State Assembly. pic.twitter.com/mcX0rM8gT7
— ANI (@ANI) March 18, 2020
अदालत में कांग्रेस ने कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफे सौंपने के पीछे भाजपा की साजिश है। इसकी जांच होनी चाहिए। बहुमतपरीक्षण के लिए रातोंरात मुख्यमंत्री और स्पीकर को आदेश देना राज्यपाल का काम नहीं है। स्पीकर इस मामले में सबसे ऊपर हैं, राज्यपाल उन पर हावी हो रहे हैं। कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होने तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराने कीमांग की। भाजपा ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि 16 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में शामिल हों या नहीं, लेकिन उन्हें बंधक नहींरखा जा सकता। वहीं, विधायकों ने कहा कि स्पीकर को उनके इस्तीफे मंजूर करने का निर्देश दिया जाए।
कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण नहीं कराने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 9 भाजपा विधायकों ने शीर्षअदालत में याचिका दायर की है। वहीं, दूसरी याचिका कांग्रेस विधायकों की है, इसमें बेंगलुरु में ठहरे 22 बागी विधायकों को वापसलाने का निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच में कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे, भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी, राज्यपाल के वकील तुषार मेहता, स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और बागी विधायकों केवकील मनिंदर सिंह ने पैरवी की।
The letter further states,"It is, therefore, requested to take appropriate action against Digvijaya Singh (Congress leader) and others so that Rajya Sabha elections are conducted peacefully and in democratic manner". https://t.co/BeJOybUkFR
— ANI (@ANI) March 18, 2020
इससे पहले आज सुबह कांग्रेस के सीनियर पालटिशियन Digvijay Singh बेंगलुरु के Ramda Hotel के बाहर धरने पर बैठ गए। वहआज सुबह–सुबह ही बेंगलुरु पहुंचे। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष DK Shivkumar ने उनकी अगवानी की। दोनों नेता रामदा होटल गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें होटल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। Digvijay इससे नाराज होकर बाहर ही धरने पर बैठ गए। अभी मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेसी विधायक रामदा होटल में ठहरे हुए हैं।
Karnataka High Court rejects the plea by Congress leader Digvijaya Singh seeking directions to the police to allow him to meet rebel Madhya Pradesh Congress MLAs who are lodged in Bengaluru. https://t.co/y6GwHjfLYz
— ANI (@ANI) March 18, 2020
कांग्रेस से बागी हुए सिंधिया गुट के 22 विधायक 10 दिन से बेंगलुरु में हैं। बुधवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेताओं केसाथ बेंगलुरु पहुंच गए। लेकिन कर्नाटक पुलिस ने उन्हें रमादा होटल के बाहर ही रोक दिया। इसके बाद सभी कांग्रेस नेता सड़क पर धरनेपर बैठ गए, बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। दिग्विजय ने कहा है कि अब वे थाने में भूख हड़ताल करेंगे।
दिग्विजय सिंह ने कहा – पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख कोराज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बातकरना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। मेरे पास हाथ में ना बम है, ना पिस्तौल है और ना हथियार है। फिर भी पुलिस मुझेक्यों रोक रही है।” हिरासत में लिए जाने के बाद उन्होंने कहा– हमें उम्मीद है कि विधायक लौटेंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंनेबंधक होने की जानकारी दी।
Digvijaya Singh, Congress: BJP is busy in toppling duly-elected govts. We had successfully thwarted plans to destabilize MP govt but we were let down by Jyotiraditya Scindia who had a very successful career in Congress. We never expected that he would ditch us&join hands with BJP pic.twitter.com/X97Nte4Aju
— ANI (@ANI) March 18, 2020
इसी को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दो ट्वीट किए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर गुंडागर्दी का आरोपलगाते हुए लिखा, ”बीजेपी की गुंडागर्दी जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अपने ही विधायकों से मिलने से रोकना कौन सा न्याय है? मोदी जी, ये लोकतंत्र का चीरहरण है और आपकी पार्टी दु:शासन की भूमिका में है, एक चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए बीजेपी काइतना गिरना हैरान करता है.”
दरअसल, मध्य प्रदेश की Kamalnath सरकार पर आए खतरे को लेकर राज्य में सियासी घमासान चरम पर है। राज्य की मौजूदाकांग्रेस सरकार विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से तय 16 तारीख की मियाद को कोरोनावायरस के बहाने नजरअंदाज कर दिया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है जिस पर आज साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू होनी है।
Madhya Pradesh: Police detains Congress workers who were protesting outside BJP office in Bhopal, against detention of Congress leader Digvijaya Singh in Bengaluru. Singh was detained after he sat on a dharna when he was not allowed to meet rebel Madhya Pradesh Congress MLAs. pic.twitter.com/F4r3AZeVbQ
— ANI (@ANI) March 18, 2020
ध्यान रहे कि कांग्रेस के 21 विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है। बेंगलुरु के रामदाहोटल में ठहरे इन विधायकों में कुछ ने वीडियो मेसेज जारी कर कांग्रेस का साथ छोड़ने का ऐलान किया है। इस बीच विधानसभा अध्यक्षनर्मदा प्रसाद प्रजापति और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच लेटर वॉर भी छिड़ गया है। पहले स्पीकर ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर इनविधायकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिरी की तो जवाबी में गवर्नर ने तंज भरा पत्र लिख दिया।