New Delhi : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश Ranjan Gogoi अब राज्यसभा में ऑर्डर–ऑर्डर करेंगे। 13 महीने तक CJI रहेRanjan Gogoi ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति Ramnath Kovind ने सोमवार देर शाम Ex CJI Ranjan Gogoi को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया। वे 13 महीने तक सीजेआई रहने के बाद 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे।उन्होंने अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद पर लगातार सुनवाई करके निपटारा किया था। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद के मामले मेंकेंद्र सरकार को क्लीन चिट भी उन्होंने ही दी थी।
इससे पहले पूर्व जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी कांग्रेस से जुड़कर संसद सदस्य बन चुके हैं। वहीं, पूर्व सीजेआई पी.सतशिवम को मोदीसरकार ने केरल का पहला राज्यपाल बनाया था।
रिटायर होने से पहले जस्टिस गोगोई ने 10 दिन में दिए थे 5 महत्वपूर्ण फैसले; 3 सरकार के पक्ष में
पहला फैसला: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में जस्टिस रंजन गगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधानपीठ ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया। मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दूसरी जगह दिएजाने का भी आदेश दिया।
दूसरा मामला: राफेल विमान सौदे में लगे घोटाले के आरोपों को लेकर जस्टिस गोगोई ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी। सीजेआई कीअगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
तीसरा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर माफी मांगने को कहा था। इस मामले में भाजपाप्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दाखिल की थी।
चौथा फैसला: सबरीमाला मंदिर महिलाओं के प्रवेश को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2018 के फैसले को बरकरार रखा थाऔर मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया था।
पांचवा मामला : वित्त कानून-2017 के संशोधन को लेकर था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी पीठ नेकानून में संशोधनों को लेकर रोक लगा दी थी और मामला सात सदस्यीय पीठ को भेज दिया था।