New Delhi : मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सियासी उठापटक के बीच फ्लोर टेस्ट नहींहुआ। स्पीकर एनपी प्रजापति ने 26 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसी दिनराज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग भी होनी है। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन करीब 11.15 बजेविधानसभा पहुंचे। उन्होंने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा। लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन करें, इतनाकहकर वे सदन से चले गए। वहीं, कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि मौजूदा स्थिति मेंफ्लोर टेस्ट कराना संभव नहीं है। अभी सदन में बहुमत परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।
भाषण खत्म करने के बाद राज्यपाल खड़े हुए तो कुछ विधायकों ने नारेबाजी की। कुछ देर दोनों तरफ से हंगामे के बाद नेता विपक्षगोपाल भार्गव ने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
राज्यपाल अभिभाषण पूरा पढ़े बिना ही चले गए। मुख्यमंत्री निवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। गेट के बाहर किसी को रुकनेनहीं दिया जा रहा है। एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, हम लोग 24 घंटे से ड्यूटी पर हैं। सिर्फ खाना खाने के लिए गए थे। सीएम हाउस मेंसुबह से हलचल नहीं है। कुछ खाली गाड़ियां अंदर जरूर गई थीं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्री यहां रात से ही रुके हो सकतेहैं।
इससे पहले रविवार को जयपुर से कांग्रेस के विधायक भोपाल पहुंचे। देर रात मानेसर में ठहरे भाजपा विधायक भी पहुंच गए। अभीकांग्रेस के बागी 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इधर, रविवार शाम विधानसभा की कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण औरधन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ किया है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन पहलेबेंगलुरु में बंधक विधायकों को रिहा किया जाए।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रविवार रात राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा– राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष औरसरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करवाएं। लेकिन, सरकार की ओर से विधानसभा कीकार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया। यह राज्यपाल के निर्देश का उल्लंघन और असंवैधानिक है। हमने विरोध के तौर परज्ञापन दिया है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वे नियमों के तहत इस पर निर्णय लेंगे।
कांग्रेस के 16 विधायकों ने रविवार को दोबारा विधानसभा स्पीकर प्रजापति को अलग–अलग पत्र भेजकर उनके इस्तीफे स्वीकार करनेकी मांग की है। इसमें उन सभी ने अध्यक्ष के सामने प्रत्यक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताई है। इसके लिए उन्होंने वर्तमान में प्रदेश कीखराब कानून–व्यवस्था और अनिश्चितता का वातावरण होने का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह आपने 6 विधायकों केइस्तीफे स्वीकृत किए हैं, उसी प्रकार हमारे भी स्वीकार करें।