New Delhi : पूरी दुनिया में 1.55 लाख लोगों में Corona Virus का संक्रमण फैल चुका है। भारत में भी संक्रमण 100 का आंकड़ा पारकर गया है। भारत की आबादी 135 करोड़ से भी अधिक है, लेकिन फिर भी यहां संक्रमण बहुत ही कम फैला है, जबकि इटली जैसे छोटेदेश में संक्रमण ने तबाही मचा दी है।
चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था, वहां 3 हजार लोगों की जा’न चली गई और 86 हजार लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि होचुकी है। अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 57 लोगों की जा’न गई है और करीब 3 हजार लोग संक्रमित हैं। सबसे बुरा हाल तोइटली का है, जहां 1400 से अधिक लोगों की जा’न गई हैं, जबकि 21 हजार से भी अधिक संक्रमित हैं। साफ है भारत ने कोरोना से लड़नेके मामले में अमेरिका–चीन जैसे देशों को पछाड़ा है।
भारत ने अमेरिका से पहले ही विदेश से लौटने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरसको लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी, लेकिन अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद ये कदम उठाया। अमेरिकी मीडिया ने इस बात परजोर भी डाला था कि कोरोना के कुछ मामले मिलने के बावजूद वहां की सरकार ने एयरपोर्ट पर इसकी जांच शुरू नहीं की है।
भारत ने रेक्यू ऑपरेशन के मामले में सबसे अधिक उड़ानें भरी हैं। चीन, ईरान, इटली आदि देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देशवापस लाया गया है। रविवार को ही ईरान से 234 जबकि इटली से 218 भारतीयों को वतन वापस लाया गया।
जहां अमेरिका जैसा सुपर पावर सिर्फ अपने ही नागरिकों को वापस लाने तक सीमित रहा, वहीं भारत ने अपने नागरिकों के साथ–साथ 10 से भी अधिक दूसरे देशों के नागरिकों को भी कोरोना प्रभावित देशों से निकाला। इनमें मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मैडागास्कर, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं। यहां तक कि भारत ने पाकिस्तान को भी मदद की पेशकश की।
भारत ने शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगोंको आइसोलेशन में रखा जा सके। अब तक किसी भी प्रभावित शख्स ने सरकार पर उंगली नहीं उठाई है। इतना ही नहीं, किसी ऑथेंटिकऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में कोरोना का संक्रमण हो गया। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भी जांच करवानी पड़ी जोनेगेटिव रही। वहीं, भारत में अतिरिक्त सतर्कता के कारण अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। सरकार ने कोरोना वायरस के खौफ को दबानेके बजाय लोगों को उससे निपटने के तरीके बताए। नेताओं ने बड़े समारोह या भीड़–भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद कर दिया और लोगोंसे भी ऐसा ही करने की गुहार लगाई। खुद पीएम मोदी होली मिलन समारोह में नहीं गए। यही वजह है कि दुनिया में कई बड़ी हस्तियोंको कोरोना हो रहा है, खुद ट्रंप ने जांच करवाई है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं है।
इस समय इटली जैसा छोटा और विकसित देश कोरोना का नया वुहान बन गया है, लेकिन 135 करोड़ की आबादी वाले देश भारत मेंकोरोना वायरस नियंत्रण में है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत ने बिल्कुल सही समय पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिएएयरपोर्ट पर जांच शुरू कर दी थी, जबकि इटली ने लापरवाही बरती। हालांकि, ये भी एक तथ्य है कि इटली में अधिकतर आबादीबुजुर्गों की है, जिन पर कोरोना वायरस का असर अधिक हो रहा है। वहीं भारत में अधिकतर आबादी युवाओं की है।
एक ओर चीन है, जिसने उस डॉक्टर को ही दंडित कर दिया, जिसने कोरोना से सतर्क किया था, लेकिन भारत ने बिना किसी लापरवाहीके तत्परता दिखाई। सभी मंत्रालय सतर्क हो गए। खुद पीएम मोदी भी सतर्क हो गए। संक्रमण रोकने के लिए अडवाइजरी जारी होतीरहीं। संसद के जरिए स्वास्थ्य मंत्री तैयारियों का लगातार विस्तृत ब्योरा देकर देश को आश्वस्त करते रहे।
भारत में अब तक करीब 70 हजार सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है।आईसीएमआर के पास 1 लाख किट उपलब्ध हैं और 2 लाख अतिरिक्त किट का ऑर्डर दे दिया गया है। अभी भारत रोजाना करीब 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता रखता है। सैंपल टेस्ट करने के लिए 65 लैब हैं और सेकेंडरी टेस्ट के लिए भी 32 लैब मौजूद हैं। ये सबदिखाता है कि भारत कितनी मजबूती से कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है।