New Delhi : भारतीय बाजार में Corona Virus और विदेशी बाजारों के गिरने का खौफ कायम है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही3103 अंक गिरकर 30,000 अंकों के नीचे पहुंच गया। बाजार में आई तेज गिरावट के कारण लोअर सर्किट लगा दिया गया है। इसकेबाद ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया है। अभी सेंसेक्स 29,687.19 अंकों पर है। इसी तरह निफ्टी 966 अंक गिरकर खुला।निफ्टी 8624 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बाजार के 10% या उससे ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगया दिया जाता है। दोबारा खुलने के बाद भी बाज़ार लगातार गिरता ही जा रहा है। अभी तक 3500 की गिरावट दर्ज की गई है।
शेयर बाजार के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या गिरने पर सर्किट ब्रेकर लगाया जाता है। इसका मकसद शेयर बाजार में भारी उतार–चढ़ावको रोकना होता है।
शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर लगाने का भी एक नियम है। एनएसई की बेवसाइट के अनुसार अगर दोपहर 1 बजे के पहले शेयर बाजार10 फीसदी बढ़े या गिरे तो सर्किट ब्रेकर के तहत अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग को 45 के लिएरोका जाता है। लेकिन अगर 1 बजे के बाद 10 फीसदी उतर चढ़ाव दर्ज किया जाता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए ही रोकाजाता है। इसी प्रकार 15 और 20 फीसदी के लिए भी नियम हैं।
सेंसेक्स की बात करें तो उसमें गुरुवार को पिछले करीब 12 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दी। इससे पहले 2008 में इतनी बड़ीगिरावट आई थी। खैर, गुरुवार के कारोबार में तो लोअर सर्किट नहीं लगा, लेकिन सेंसेक्स में शुक्रवार को 9.43 फीसदी की गिरावट केबाद ही लोअर सर्किट लगा दिया गया और 45 मिनट के लिए कारोबार बंद कर दिया गया, जो समय पूरा होने के बाद 15 मिनट के लिएप्रीओपन होगा।
शेयर बाजार के इतिहास में ऐसे चार मौके रह चुके हैं, जब सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा था और शेयर बाजार ठप हो गया था।
सबसे पहला मौका 21 दिसंबर 1990 में आया था, जब सेंसेक्स में 16.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बादशेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।
शेयर बाजार का इतिहास देखकर पता चलता है कि सेंसेक्स में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 28 अप्रैल 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में12.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।
तीसरा मौका था 17 मई 2004 का, जब शेयर बाजार में 11.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर परजाकर बंद हुआ था।
गुरुवार जैसी गिरावट इससे पहले 2008 में देखी गई थी। 24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स में 10.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।
New Delhi : भारतीय बाजार में Corona Virus और विदेशी बाजारों के गिरने का खौफ कायम है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही3103 अंक गिरकर 30,000 अंकों के नीचे पहुंच गया। बाजार में आई तेज गिरावट के कारण लोअर सर्किट लगा दिया गया है। इसकेबाद ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया है। अभी सेंसेक्स 29,687.19 अंकों पर है। इसी तरह निफ्टी 966 अंक गिरकर खुला।निफ्टी 8624 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बाजार के 10% या उससे ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगया दिया जाता है।
शेयर बाजार के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या गिरने पर सर्किट ब्रेकर लगाया जाता है। इसका मकसद शेयर बाजार में भारी उतार–चढ़ावको रोकना होता है।
शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर लगाने का भी एक नियम है। एनएसई की बेवसाइट के अनुसार अगर दोपहर 1 बजे के पहले शेयर बाजार10 फीसदी बढ़े या गिरे तो सर्किट ब्रेकर के तहत अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग को 45 के लिएरोका जाता है। लेकिन अगर 1 बजे के बाद 10 फीसदी उतर चढ़ाव दर्ज किया जाता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए ही रोकाजाता है। इसी प्रकार 15 और 20 फीसदी के लिए भी नियम हैं।
सेंसेक्स की बात करें तो उसमें गुरुवार को पिछले करीब 12 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दी। इससे पहले 2008 में इतनी बड़ीगिरावट आई थी। खैर, गुरुवार के कारोबार में तो लोअर सर्किट नहीं लगा, लेकिन सेंसेक्स में शुक्रवार को 9.43 फीसदी की गिरावट केबाद ही लोअर सर्किट लगा दिया गया और 45 मिनट के लिए कारोबार बंद कर दिया गया, जो समय पूरा होने के बाद 15 मिनट के लिएप्रीओपन होगा।
शेयर बाजार के इतिहास में ऐसे चार मौके रह चुके हैं, जब सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा था और शेयर बाजार ठप हो गया था।
सबसे पहला मौका 21 दिसंबर 1990 में आया था, जब सेंसेक्स में 16.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बादशेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।
शेयर बाजार का इतिहास देखकर पता चलता है कि सेंसेक्स में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 28 अप्रैल 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में12.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।
तीसरा मौका था 17 मई 2004 का, जब शेयर बाजार में 11.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर परजाकर बंद हुआ था।
गुरुवार जैसी गिरावट इससे पहले 2008 में देखी गई थी। 24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स में 10.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।