New Delhi : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रतिभावान नेता Sachin Pilot ने Jyotiraditya Scindia के पार्टी छोड़ने केफ़ैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि Scindia का कांग्रेस छोड़ना बेहद दुखद है। उन्होंने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा– बेहतरहोता कि सारे मसले का निपटारा पार्टी के अंदर ही हो जाता।
इससे पहले आज मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच दोपहर को ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए। इससेपहले सिंधिया भाजपा नेता जफर इस्लाम के साथ घर से निकले। सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। भाजपामुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई। सिंधिया थोड़ी ही देर में भोपाल के लिए रवाना होंगे। वे शुक्रवारको राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। शुक्रवार को ही मध्यप्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन काआखिरी दिन है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सिंधिया के पार्टी में आने से नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी आलाकमान केसामने जाहिर भी कर दी है।
Unfortunate to see @JM_Scindia parting ways with @INCIndia. I wish things could have been resolved collaboratively within the party.
— Sachin Pilot (@SachinPilot) March 11, 2020
सत्र के बाद सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने सिंधिया के इस्तीफेकी खबर लगते ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 कोमध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है।
[Jyotiraditya Scindia कांग्रेस छोड़कर यूँ ही नहीं गये. चारों तरफ़ से उन्हें निराशा ही हाथ लगी. Rahul Gandhi के बेहद करीबीसिंधिया की स्थिति पार्टी में ऐसी हो गई थी कि महीनों से वे Rahul Gandhi से मिलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें अप्वाइंटमेंटनहीं मिला. सिंधिया तमाम प्रयास करने के बाद भी राहुल गांधी से मिल नहीं पा रहे थे. त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख रहे प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा नेफ़ेसबुक पोस्ट कर इसका खुलासा किया है. देबबर्मा का सिंधिया परिवार के साथ पारिवारिक रिश्ता भी है. इन्होंने भी कुछ ही महीनेपहले कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है. देबबर्मा लिखते हैं – मुझे पता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया महीनों से राहुल गांधी से मिलने कीकोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे कोई अप्वाइंटमेंट नहीं मिला. अगर राहुल गांधी हमें नहीं सुनना चाहते थे, तो उन्होंने हमें पार्टी में क्योंलाया? सिंधिया के करीबी माने जाने वाले देबबर्मा ने फेसबुक पोस्ट में मंगलवार को लिखा – मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातकी और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे, लेकिन अप्वाइंटमेंट नहीं मिली.