New Delhi : MP में सियासी ड्रामा चालू है. कमलनाथ सरकार संकट में घिर गई है. कांग्रेस के 6 मंत्री समेत 17 और विधायक बेंगलुरूचले गए हैं. सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से हैं. देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर 20 मंत्रियों केइस्तीफ़े ले लिये.
इधर ऐसी उम्मीद है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अपने पिता माधवराव सिंधिया की 75वीं जयंती पर कोई बड़ी घोषणा कर सकतेहैं।
इस बीच दिल्ली में अहमद पटेल ने भी सिंधिया से बात की। हालांकि सिंधिया बहुत आगे बढ़ चुके थे, जिससे वापस लौटने की गुंजाइशनहीं है।इससे पहले सिंधिया को मनाने के लिए सचिन पायलट को भेजा गया। मिलिंद देवड़ा से भी बात कराई गई। कमलनाथ ने भीसिंधिया से मिलने की पेशकश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। सिंधिया ने खेमे के मंत्रियों के साथ मीटिंग कर आगे की रणनीति तय की।इसी में हुए फैसले के आधार पर विधायकों की संख्या बढ़ाई गई। उनके साथ 21 विधायक हैं। इधर, जब दिल्ली में कोई हल नहींनिकला तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कमलनाथ को भोपाल जाकर हल ढूंढने के निर्देश दिए।
वे तीन दिन का दौरा एक दिन में ही खत्म कर विवेक तन्खा को लेकर भोपाल लौट आए। दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, सुरेश पचौरी कोबुलाया। कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। सज्जन सिंह वर्मा ने सुझाव दिया कि सभी मंत्री इस्तीफे दें, ताकि नाराज विधायकों कोमंत्रिमंडल में शामिल करने का मौका मिले। मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दे दिए, लेकिन कमलनाथ ने कहा इन पर कल फैसला लेंगे।
उधर, दिनभर मोदी और सिंधिया के बीच मुलाकात की खबर चलती रही, लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी मुलाकात पहले ही हो चुकीहै। प्रधानमंत्री और सिंधिया के बीच मध्यस्थता सिंधिया के ससुराल पक्ष से बड़ौदा राजपरिवार की महारानी ने की। उन्होंने ही सिंधियाको भाजपा से संपर्क के लिए तैयार किया। उधर, प्रधानमंत्री ने सिंधिया से बातचीत का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा, क्योंकिग्वालियर–चंबल के नेताओं में सिंधिया को लेकर अजीब सा पसोपेश रहता है। बताते हैं कि तीन दिन पहले मीटिंग के लिए सिंधिया तोमरके घर भी जा चुके हैं। वहीं आगे की रणनीति पर उनकी बातचीत हुई थी।
कल सोमवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक जो पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं, वोएक चार्टर्ड विमान से बीजेपी शासित कर्नाटक के बेंगलुरू चले गए. बागी कांग्रेस विधायकों व अन्य, जो पाला बदलने के लिए तैयार रहेहैं, उनके लिए बेंगलुरू सुर्खियों में रहा है. गांधी परिवार के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल दिल्ली में हैं और कांग्रेस एकसमझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है. फिलहाल कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में जारी सियासी संकट के मद्देनजर सोमवार को ही पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी औरउसके बाद कहा था कि सब ठीक है.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई. मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई.
मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा – पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात हुई, तमाम मुश्किलों पर बात हुई. राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकरबातचीत हुई है और जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर भी बातचीत हुई है.
हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ नेकोई जवाब नहीं दिया था. इससे पहले कांग्रेस के 4 विधायक बेंगलुरु चले गए थे जिनमें से दो वापस लौट आए हैं. दो अन्य विधायकों सेअबतक कांग्रेस का संपर्क नहीं हुआ है, जो लौटे हैं वो सीधे मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, जो रुके हैं उन्हें भी मंत्री बनना है. सबको मंत्रीबनना है.
राज्य में 230 विधायकों की संख्या के हिसाब से 34 सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस समय मुख्यमंत्री को मिलाकर 29 मंत्री है. 5 मंत्रीऔर शामिल किए जा सकते हैं. वर्तमान में कांग्रेस 114 विधायक के साथ सत्ता में है, तो भाजपा के 107 विधायक हैं. बसपा के 2, सपाका एक और 4 निर्दलीय विधायक हैं.