New Delhi : छत्तीसगढ में इनकम टैक्स छापों ने राज्य सरकार की नींद उडा दी है। इस इनकम टैक्स छापों की खनक अब CM House तक में सुनाई देने लगी है। इस कार्रवाई को राज्य सरकार के कामकाज में दखलंदाजी बता रहे CM Bhupesh Baghel कानूनी सलाह लेने दिल्ली आ रहे हैं। वे शनिवार को ही दिल्ली पहुंचनेवाले थे लेकिन मौसम की खराबी की वजह से वापस रायपुर लौट गये।
दरअसल पिछले तीन दिन से रायपुर के एक दर्जन प्रभावशाली लोगों, बिजनेस मैन और अधिकारियों के यहां रेड पर रही है। इनमें रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अनिल टुटेजा और विवेक ढांड भी शामिल हैं। इस रेड में इनकम टैक्स के स्थानीय अफसरों को नहीं लगाया गया है। 27 फरवरी को छापे के पहले दिन दिल्ली से चार्टर्ड प्लेन के जरिए इनकम टैक्स के 105 अफसर रायपुर पहुंचे थे। इनके साथ सीआरपीएफ के 200 जवान भी थे। इसके बाद शनिवार को मुंबई से 50 और अफसरों को बुला लिया गया। अब तक की जांच में करोड़ों की ज्वेलरी, हीरे, कैश और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं।
एक आईएएस अधिकारी के घर की दीवार तोड़कर विदेशी मुद्रा बरामद की गई है। वहीं, कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा के घर से तीन बैग लेकर इनकम टैक्स की टीम निकली है। इससे पहले नोट गिनने की मशीन लेकर टीम पहुंची थी। अभी इस लिस्ट में 32 अन्य लोगों के नाम हैं जो कि इनकम टैक्स के रडार पर हैं। इनमें अधिकारी और कारोबारी शामिल हैं।
सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया शुक्रवार को इनकम टैक्स की जांच के घेरे में आ गई थीं। भिलाई में उनके बंगले का ताला 24 घंटे बीत जाने के बावजूद नहीं खुल सका। इसके बाद अधिकारियों ने बंगला सील कर दिया। इनकम टैक्स अफसर और सीआरपीएफ जवान शुक्रवार रात गद्दे डालकर बरामदे में ही सोए थे। वहीं, रायपुर में एक रसूखदार के ठिकाने से आयकर अफसरों को अलमारी में भरे नोट मिले। यहीं के एक और ठिकाने से हीरों से जड़े जेवरात भी बरामद हुए। इनकी जांच के लिए कैरेटोमीटर मंगवाया गया। भिलाई में पड़े छापों में करोड़ों रुपए के विदेशी निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले। रायपुर में होटल और न्यूज चैनल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा के यहां इनकम टैक्स विभाग ने तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी रखी। एक टीम शाम को उनके बंगले पर नोट गिनने की मशीन लेकर गई। इससे पहले रायपुर के एक परिसर से गुरुवार रात इनकम टैक्स अफसरों को एक डायरी मिली थी। इसमें राजनीतिक फंडिंग का ब्योरा और कई नाम लिखे हैं।
छापेमारी के बीच बैकअप के लिए सीबीआई की टीम रायपुर और भिलाई पहुंच गई। हालांकि, पंजाब, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार की तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने भी राज्य में किसी मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी जाने वाली जनरल कंसेंट यानी मंजूरी जनवरी 2019 से ही वापस ले रखी है। ऐसे में सीबीआई का राज्य में तुरंत कार्रवाई कर पाना मुमकिन नहीं है। इसके लिए उसे हाईकोर्ट की इजाजत लेनी होगी।
इनकम टैक्स (आईटी) की टीम छापामार कार्रवाई के तीसरे दिन कुछ और ठिकानों पर भी पहुंची। इनमें एक नाम शराब कारोबारी संजय दीवान का है। दीवान के रायपुर स्थित मकान में टीम शनिवार देर शाम जांच के लिए पहुंची। सदर बाजार स्थित सीए कमलेश जैन के दफ्तर में भी अधिकारी पहुंचे। चर्चा है कि सीए जैन के पास से कुछ राजनीतिक हस्तियों और अधिकारियों के लेन-देन से जुड़ी जानकारी आईटी की टीम को मिली है। दोपहर बाद से ही रायपुर के मेयर एजाज के करीबी पूर्व पार्षद अफरोज अंजुम के घर पर जांच जारी है। इन सभी जगहों पर जांच देर रात तक चलने की संभावना है।
आयकर की कार्रवाई के बीच बघेल सरकार ने शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक रद्द कर दी। कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में छापों के विरोध में प्रदर्शन किया। रायपुर के गांधी मैदान में राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री बघेल की लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए कार्रवाई की जा रही है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने ट्वीट किया- राजनीतिक रूप से पूरी तरह से विफल होने के बाद भाजपा अब केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इधर शनिवार को इनकम टैक्स के 50 अफसरों को मुंबई से बुलाया गया। एक होटल में कंट्रोल रूम बनाया गया है।इसके लिए टीम ने रायपुर के इनकम टैक्स कमिश्नर से 22 कम्प्यूटर, प्रिंटर और फोटोकॉपी मशीनें मांगीं।
इनपर पडा छापा
एजाज ढेबर : रायपुर के महापौर ढेबर पर 2010 में मारपीट और बलवा का केस दर्ज हुआ था। इसके अलावा शहर के अलग-अलग थानों में 8 केस दर्ज हैं। इनके वेलिंगटन होटल के साथ ही कई रेस्टोरेंट हैं, जो अलग-अलग शहरों में चल रहे हैं। रियल स्टेट, स्टील का भी कारोबार है।
सौम्या चौरसिया : राज्य प्रशासनिक सेवा 2008 बैच की अफसर हैं। पेंड्रा, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन में एसडीएम रह चुकी हैं। भिलाई चरौदा नगर निगम की आयुक्त की जिम्मेदारी निभाई, फिर 2016 में रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री का उपसचिव नियुक्त किया गया।
अनवर ढेबर : मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के काफी करीबी रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस के समर्थक हो गए। अनवर का ढेबर स्टील, ढेबर सिटी (रियल स्टेट) में बड़ा दखल है। संयुक्त परिवार में रहते हैं।
विवेक ढांड : आईएएस ढांड रेरा के चेयरमैन हैं। वे रमन सिंह सरकार के दौरान 2014 से 2018 तक राज्य के प्रमुख सचिव रहे चुके हैं। पूरा परिवार संघ के काफी करीब बताया जाता है। विवेक ढांड मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कॉलेज में पढ़ा चुके हैं। सरकार बदलने के बाद वे सीएम के करीब आए। वे रायपुर के ही रहने वाले हैं और सिविल लाइंस में बंगला है। वहीं पर छापा पड़ा।
अनिल टुटेजा : बिलासपुर के मूल निवासी आईएएस अनिल टुटेजा उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव हैं। प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाले में भी आरोपी हैं। इनकी पत्नी मीनाक्षी टुटेजा की पार्लर चेन है, जो रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर सहित अन्य जिलों में है। बताया जाता है कि रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित पार्लर में ही एक महीने का कारोबार 50 लाख का है। इनके बंगले सहित रायपुर और भिलाई स्थित पार्लर में छापा पड़ा।
एपी त्रिपाठी : अरुणपति त्रिपाठी इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी हैं। अभी आबकारी विभाग में ओएसडी हैं। ये केंद्र से प्रतिनियुक्ति पर आए हैं।
गुरुचरण सिंह होरा : रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) में इंजीनियर रहे गुरुचरण सिंह होरा नौकरी छोड़कर होटल के कारोबार में आए। इसके बाद जमीन के कारोबार में बड़ा काम किया। फिलहाल एक होटल और सिटी केबल न्यूज चैनल के मालिक हैं। इन पर हत्या का भी आरोप है। होरा का खेल संगठनों और प्रशासन में काफी दखल है। इनके बंगले पर कार्रवाई की जा रही है।