New Delhi : आज महाशिवरात्रि पर पूजन के शुभ मुहूर्त सुबह 8.30 बजे से रहेंगे। महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भीबन रहा है जो सुबह 10 बजे से शुरू होगा। सनातन मान्यता है कि शिवरात्रि रात की आराधना का पर्व है, जिसमें पूरी रात शिवलिंग काअभिषेक और विशेष पूजन होता है। लेकिन, मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए दिनभर मुहूर्त रहेंगे।
उत्तर भारत में महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होता है। वहीं, दक्षिण भारत सहित देश के अन्य कुछ हिस्सों मेंयहीं पर्व माघ मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। देश में अमावस्यांत और पूर्णिमांत पंचांगों का उपयोग होने के कारण हिंदीमहीनों के आगे–पीछे होने की वजह से ऐसा होता है। ऐसा होने के बावजूद पूरे देश में एक ही दिन महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
इस वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष वाली शिवरात्रि शुक्रवार को यानी आज है। ज्योतिषाचार्य पं मिश्रा के अनुसार 21 फरवरी को त्रयोदशी तिथिशाम को 5.12 बजे तक है इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। इसलिए 21 फरवरी शुक्रवार को ही प्रदोष एवं निशिथ काल(मध्यरात्रि ) में चतुर्दशी तिथि होने से इसी दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि पर्व रात्रि प्रधान त्योहार है। स्कंदपुराण और शिवपुराण में इस पर्व पर अर्धरात्रि में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व बतायाहै। इन ग्रंथों के अनुसार पर रात के 4 प्रहरों में शिवजी की पूजा करनी चाहिए। रात में भूत, प्रेत, पिशाच, शक्तियां जो कि शिवजी के गणहैं इनके साथ स्वयं शिवजी भी भ्रमण करते हैं; अतः उस समय इनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती और हर तरह के पाप नष्ट होजाते हैं। इसके साथ ही ईशान संहिता में बताया गया है कि रात में भगवान शिव प्रकट हुए थे। इसलिए रात में शिव पूजा का विशेषमहत्व बताया गया है।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:15 से रात 09:25 तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09:25 से 12:37 तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:37 से 03:49 तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:49 से अगले दिन सुबह 07:00 बजे तक
महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
- सुबह 8:30 से 11:10 तक
- दोपहर 12:35 से 2 बजे तक
- शाम 05:05 से 6:33 तक
रात में शिव पूजा का समय
रात 9:27 से 11:05 तक
महाशिवरात्रि की पूजन विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और व्रत एवं शिव पूजा का संकल्प लें।
दिन भर व्रत रखें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
शाम को सूर्यास्त के पहले फिर से स्नान कर लें और किसी मंदिर में या घर पर ही शिवलिंग की पूजा करें।
पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
4 प्रहर की पूजा में शुद्ध जल में गंगा जल मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें।
इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और शकर मिलाकर इस पंचामृत से भी अभिषेक करें।
इसके बाद शिवलिंग पर चंदन, फूल, बिल्वपत्र, धतूरा, सुगंधित सामग्री और मौसमी फल चढ़ाएं।
फिर शिवजी को धूप और दीपक लगाकर नैवेद्य अर्पित करें।
इसी क्रम से 4 प्रहरों की पूजा करें।