New Delhi : वूशु गेम के 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में 9 बार नेशनल और 24 बार स्टेट लेवल पर गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीतने वाली खिलाड़ी शिक्षा इन दिनों मजदूरी करके परिवार पाल रही है। वह हरियाणा में रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली है। उसे पिछले तीन साल से खेल विभाग से कैश अवॉर्ड और एससी कैटेगरी में मिलने वाली स्कॉलरशिप का इंतजार है। शिक्षा का कहना है – उसका नाम विभाग की सूची में है, लेकिन पैसा नहीं आया है।
Shiksha,national vushu player from Hariyana, working as labour#kiranrijiju pic.twitter.com/mbHjBVEfE5
— I.K.mall (@indal_mall) July 12, 2020
शिक्षा ने कहा – घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। प्रैक्टिस करने के साथ डाइट मनी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। माता-पिता के साथ मनरेगा के तहत मिलने वाले काम को करने के लिये जाती हूं। उन्होंने सरकार से मांग की है – खेल उपलब्धियों को देखते उन्हें हुये कैश अवॉर्ड या स्कॉलरशिप के साथ एक नौकरी दिलाई जाये।
शिक्षा की मां राजदेवी ने कहा – मेहनत मजदूरी करके बेटी को दूसरे प्रदेशों में होने वाले टूर्नामेंट में खेलने के लिये भेजा। बेटी मेडल जीतकर आती है तो खुशी होती है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई पुरस्कार या नौकरी देने की पहल नहीं हुई।
शिक्षा ने दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वूशु चैंपियनशिप एमडीयू की अगुआई की है और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। एमडीयू रोहतक के खेल निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा – खिलाड़ियों को तकलीफ नहीं होने दी जायेगी। वूशु खिलाड़ी शिक्षा को जल्द आर्थिक मदद दी जायेगी।