New Delhi : सोनू की शादी 15 अप्रैल को थी। शादी के लिये उसने पूरी तैयारी भी कर ली थी। रेल का टिकट था लेकिन तभी कोरोना और लॉकडाउन ने उसके घर तक पहुंचने का रास्ता मुश्किल कर दिया। फिर भी उसने हार नहीं मानी। अपने तीन साथियों को उसने उत्तर प्रदेश के महराजगंज चलने के लिये तैयार किया। 850 किलोमीटर साइकिल भी चला चुका था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
लुधियाना से साथियों के साथ छह दिन तक लगातार साइकिल चलाकर छह अप्रैल को यह लोग गोंडा पहुंचे तो वहां इनके सात साथियों को प्रशासन ने रोक लिया। एक ही गांव के सोनू, दिलीप, वीरेंद्र व राकेश बलरामपुर होते हुए गांव के लिए चल पड़े। बलरामपुर शहर में घुसते ही प्रशासन ने इन्हें भी रोक लिया और थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद यहीं पर क्वारैंटाइन कर दिया।
सोनू का कहना है कि यदि वह घर पहुंच गए होते तो दो-चार लोगों के साथ ही जाकर शादी की रस्म पूरी कर लेते। घर न पहुंचने के कारण सोनू की शादी का अरमान नहीं पूरा हो सका है। युवक गांव के ही तीन साथियों के साथ क्वारंटीन की अवधि काट रहा है। अब वह अपनी शादी का अरमान बाद में पूरा करेगा। सोनू कुमार चौहान मूल रूप से महराजगंज जनपद के पिपरा रसूलपुर का है। सोनू की गत 15 अप्रैल को शादी होनी थी। सोनू ने बताया कि एक अप्रैल को गांव तथा आसपास के 11 साथियों के साथ लुधियाना पंजाब से साइकिल लेकर गांव के लिए निकले। यह लोग लुधियाना में टाइल्स लगाने का काम करते थे।
काम बंद होने पर यह लोग अपने घर जाना चाह रहे थे। सोनू ने बताया कि उनकी शादी बीते 15 अप्रैल को गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर तय हुई थी। शादी में आने के लिए उन्होंने ट्रेन का रिजर्वेशन भी कराया था। लॉकडाउन होने के कारण ट्रेन बंद हो गई तो वह साथियों के साथ साइकिल से ही घर चल दिये।