59 ऐप्स बैन होने से बौखलाये चीन की WTO जाने की धमकी, भारत का करारा जवाब- फर्क नहीं पड़ता

New Delhi : भारत में 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध और कई कंपनियों से ठेके छिनने से चीन बौखलाया हुआ है। चीन निर्मित उत्पादों पर रोक लगाने के लिये नये नियम भी लागू किये गये हैं। अब चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है- भेद-भाव पूर्ण वाणिज्यिक नीति अपनाने पर विश्व व्यापार संगठन में शिकायत दर्ज करायेगा। चीन की इस शिकायत को भारत ने खास तवज्जो नहीं दी है। यह संकेत भी दे दिया है कि वह अपने रुख पर अटल रहेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है – भारत में विदेशी कंपनियों के लिये जितनी खुली नीति है उतनी शायद ही कहीं हो।

चीन के प्रवक्ता जीओ फेंग ने कहा है – चीन ने तो किसी भी भारतीय कंपनी के उत्पादों या उनकी सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। लेकिन भारत चीन के उत्पादों व सेवाओं के खिलाफ कदम उठा रहा है जो डब्लूटीओ प्रावधानों का सीधा सीधा उल्लंघन है।
बहरहाल भारतीय-अमेरिकी पूंजीपतियों का कहना है कि वैश्विक आईटी हब सिलिकॉन वैली में किसी को भी भारत द्वारा टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का कोई खेद नहीं है, बल्कि वहां लोग चाहते हैं कि अमेरिका भी चीन की इस लोकप्रिय ऐप के खिलाफ ऐसा ही कदम उठाए। भारत ने टिकटॉक सहित चीन की 59 ऐप पर सोमवार (29 जून) को प्रतिबंध लगा दिया था। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण सीमा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच यह कदम उठाया गया।
टीईई सिलिकॉन वैली के पूर्व अध्यक्ष वेंकटेश शुक्ला ने कहा – टिकटॉक बेहद जल्दी लोक्रपिय होकर दर्शकों की संख्या, जनसांख्यिकीय जुड़ाव और विज्ञापनों के संदर्भ में ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्रभावी सोशल मीडिया मंचों की सूची में शामिल हो गया। टीआईई उद्यमी नेटवर्किंग का एक गैर-लाभकारी संगठन है।
शुक्ला ने कहा- विज्ञापनों के संबंध में प्रतियोगिता को देखते हुए, सिलिकॉन वैली को टिकटॉक के लिए खेद नहीं है। बल्कि यहां लोगों का मानना है कि अमेरिका को भी इस (टिकटॉक) पर प्रतिबंध लगा देना चाहिये। क्योंकि फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम भी तो चीन में प्रतिबंधित है, तो टिकटॉक यहां क्यों उपलब्ध है।

क्यूबा-अमेरिकी संगीत वीडियो निर्देशक और निर्माता रॉबी स्टारबक ने कहा है – अमेरिका को चीन की सभी वीडियो शेयरिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। स्टारबक ने कहा- चीन के सभी एप प्रतिबंधित कर दें। ये राष्ट्रीय सुरक्षा को एक ऐसा खतरा है, जिसे हम उठा नहीं सकते। बिजनेस मैगजीन ‘फोर्ब्स’ ने कहा है- इन नए प्रतिबंधों का टिकटॉक के बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उसने लिखा- पिछले सप्ताह एपल एएपीएल ने टिकटॉक को यूजर्स के ‘क्लिपबोर्ड’ में गुप्त रूप से सेंध लगाते पाया था। हालांकि टिकटॉक ने इसे एक तकनीकी समस्या बताया था, लेकिन इसकी व्यापक स्तर पर आलोचना की गई थी।

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