New Delhi : मक्का से हज करके लौटे 36 लोगों के समूह की जरा सी गलती ने बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। मक्का से लौटने पर मुंबई एयरपोर्ट पर जांच की गई। इसके बाद इन लोगों को क्वारैंटाइन के लिए हाथों पर मुहर लगाई गई। पर, 14 दिन के क्वारैंटाइन पीरियड से बचने के लिए इन लोगों ने हाथों पर लगी मुहर इत्र से मिटा दी। बाद में पता चला कि इन्हीं में से दो लोग मां और बेटे कोरोना पॉजिटिव हैं। अब अधिकारियों के सामने 36 लोगों को ट्रेस करने की चुनौती है। जिस जनरल बोगी से ये लोग मुंबई से लखनऊ आए, उसमें सवार यात्रियों का पता लगाना भी जरूरी हो गया है। इस काम में 45 टीमें लगाई गई हैं।
क्वारैंटाइन से बचने के लिए इन लोगों ने जो हथकंडा अपनाया, उसकी जानकारी गांववालों ने स्वास्थ्य विभाग को दे दी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन लोगों ने हवाई यात्रा की बजाय ट्रेन से सफर किया ताकि क्वारैंटाइन ना होना पड़े। लखनऊ तक ट्रेन से आने के बाद ये टैक्सी और दूसरे साधनों से पीलीभीत पहुंचे। घर पहुंचते ही मुहर को इत्र से साफ कर दिया। 22 मार्च को इन लोगों में से मां और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि सऊदी से आने वाले सभी लोगों की जांच जारी है। उनके संपर्क में जो लोग रहे हैं, उनकी भी जांच की जा रही है। इस अभियान में कुल 45 टीमों को लगाया गया है। 36 लोगों को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। उन सभी गांवों को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, जहां के ये लोग हैं। लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। अब तक जिले में 99 लोग विदेश से आए हैं। इसमें से 45 लोगों को निगरानी में रखा गया है। जिले से कुल 22 सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिनमें 16 की रिपोर्ट निगेटिव भी आ चुकी है जबकि एक युवक का दोबारा सैंपल भेजा गया है।