30 मजदूर यूपी से बस से गये, पंजाब ने इंट्री ही नहीं दी, 4 घंटे धूप में गिड़गिड़ाते रहे, फिर लौट गये यूपी

New Delhi : उत्तर प्रदेश से पंजाब में मजदूरी करने के लिये गये 30 मजदूरों को पंजाब में एंट्री नहीं दी गई है। फतेहाबाद के रतिया थाना क्षेत्र से लगती पंजाब सीमा के नजदीक शुक्रवार को ये मजदूर बस में सवार होकर गये थे। ये सभी मजदूर सरकारी परमिशन लेकर यूपी के हापुड़़ से पंजाब के मानसा जाने के लिये बस में पहुंचे थे। जैसे ही बस फतेहाबाद जिला के रतिया इलाके से होते हुये पंजाब सीमा के नजदीक पहुंची तो पंजाब पुलिस ने मजदूरों की बस को एंट्री करने से रोक दिया। मानसा में जिस किसान ठेकेदार के यहां मजदूरों को खेत में मजदूरी के लिए बुलाया गया था, वहां से भी किसी तरह की मदद मजदूरों को नहीं मिल पाई। पंजाब में एंट्री करने को लेकर बस में सवार मजदूर करीब 4 घंटे तक धूप में खड़े होकर बस में ही इस उम्मीद में इंतजार करते रहे।

 

इसी बीच हरियाणा पुलिस को सूचना मिली। फतेहाबाद जिले की रतिया थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और उनसे बातचीत की। रतिया थाना एसएचओ मनदीप सांगवान ने बताया कि मजदूरों से बातचीत करने पर पता चला कि ये लोग बस में सवार होकर यूपी के हापुड़ से पंजाब के मानसा में मजदूरी के लिये जा रहे थे। लेकिन, पंजाब पुलिस ने एंट्री नहीं दी, जिसके बाद ये मजदूर बस में ही सवार होकर वापस लौट आये।
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 और 17 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा करेंगे। इस दौरान मोदी देश में बढ़ते कोरोना के मामलों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्रियों से अनलॉक-1 का फीडबैक भी लिया जायेगा। उम्मीद है कि इस चर्चा के बाद केंद्र सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए कुछ बड़े फैसले ले सकती है। यह पहली बार होगा कि प्रधानमंत्री कोरोना संकट पर मुख्यमंत्रियों से अलग-अलग बात करेंगे। 16 जून को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनकी बातचीत होगी। 17 जून को केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या फिर उपराज्यपाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे। इससे पहले मोदी ने 11 मई को मुख्यमंत्रियों से बातचीत की थी, जिसके बाद लॉकडाउन 4.0 का ऐलान किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *