बिजनौर की मस्जिद में मिले 8 इंडोनेशियाई मुस्लिम, बांग्लादेश के रास्ते पहुंचे थे दिल्ली
New Delhi : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में कई जानकारी सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी जानकारी तो यह है कि मरकज में शामिल होने के लिये आने वाले सभी विदेशी गलत वीजा पर देश में अड्डा जमाये हुए थे। 280 विदेशी मुसलमान अनिवार्य मिशनरी वीजा के बजाय एक पर्यटक वीजा पर देश में आये और रहने लगे।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने इस सूचना को आव्रजन विभाग को भेज दिया है जो 281 विदेशियों के वीजा की स्थिति की जांच कर रहा है।
इधर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर की एक मस्जिद में इंडोनेशिया के आठ लोगों का पता लगा है। प्रशासन ने मस्जिद से निकालकर उनका मेडिकल चेकअप करवाया और होम क्वारंटाइन कर दिया। इसके साथ ही जिस मस्जिद में रुके हुए थे, उसके मौलाना और बाकी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि उनके यहां रुके होने की उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी।
बिजनौर के एसपी ने बताया – ये लोग नगीना की जामुन वाली मस्जिद में रुके हुए थे. ये लोग पहले दिल्ली रुके हुए थे, वहां से बिजनौर आए थे। ये सभी इंडोनेशिया के नागरिक हैं। ये सभी बांग्लादेश के रास्ते ओडिशा पहुंचे और वहां से दिल्ली पहुंचे थे। 21 मार्च को ये लोग नगीना वाली मस्जिद आ गए थे। इनके साथ एक ट्रांसलेटर भी साथ थे। मस्जिद के मौलवी और अन्य लोगों सहित पांच के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जमात एक इंजील मुस्लिम संप्रदाय है जिसका उद्देश्य पैगंबर की शिक्षाओं का प्रसार करना है। निजामुद्दीन इस्लामिक सेंटर के तालाबंदी के बाद अब तक 24 व्यक्तियों में कोरोना पाया गया है। अस्पतालों में लगभग 394 अधिक लोग भर्ती हैं। इस मरकज में शामिल विदेशी 21 देशों से आए थे, जिनमें से बड़ी संख्या में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका और किर्गिस्तान के हैं।