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पिता नेत्रहीन, बेटी नहीं जमा कर पा रही थी MBBS की फीस,200 सरकारी कर्मचारियों ने की मदद, भरी फीस

New Delhi: आलियाबानू पटेल के 12वीं कक्षा में 79.80 प्रतिशत अंक आए थे, जिसके बाद उन्होंने पिछले साल वड़ोदरा के पारुल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। अपनी शिक्षा के लिए आलिया को बहुत सी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। हाल ही में उन्होंने शिक्षा में सहायता के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। इससे पहले पिछले ही साल एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उन्हें मदद का आश्वासन भी दिया था।

गुजरात के भरूच जिले की आलियाबानू पटेल एमबीबीएस की छात्रा हैं। वो शुरुआत से ही अपने इस लक्ष्य के लिए परिश्रम कर रही हैं लेकिन आर्थिक तंगी हर बार उनके रास्ते का रोड़ा बन जाती है। इस बार आर्थिक समस्या पहले से भी बड़ी थी लेकिन पढ़ाई में उनकी मेहनत और लगन देखते हुए 200 से अधिक सरकारी कर्मचारी उनकी मदद के लिए आगे आए।

 

दूसरे समेस्टर की फीस भरने के लिए 4 लाख रुपये की जरूरत थी लेकिन ये रकम उनकी पहुंच से बाहर थी। आलियाबानु के पिता नेत्रहीन हैं। उनके पास मात्र एक दुकान है, जिसका किराया 10 हजार रुपये प्रति महीना आता है और इसी से घर का खर्च चलता है। ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी रकम जमा करना उनके बहुत बड़ी समस्या थी। ऐसी स्थिति में भरूच के जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा सहित प्रशासन के 200 से अधिक कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन दान कर आलियाबानू की दूसरे सेमेस्टर की 4 लाख रुपये की फीस की व्यवस्था की है।

आलियाबानू पटेल ने बताया कि, “वह एक नेत्र रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हैं। उनके पिता आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने उनकी मदद करने का आश्वासन दिया था। अब जब आलिया को मदद की जरूरत थी तब उन्होंने पीएम और जिला कलेक्टर को पत्र लिखा और आर्थिक मदद मांगी। आलिया ने कहा कि वह उनके समर्थन के लिए पीएम मोदी और जिला कलेक्टर की बहुत आभारी हैं।

 

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