New Delhi : भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद का पटाक्षेप होता नजर नहीं आ रहा है। इसके लिये लगातार लंबी लंबी बैठकें तो चल रही हैं लेकिन निर्णायक फैसले नहीं हो रहे हैं। कम से कम चीन तो इस विवाद को समाप्त करने की जल्दबाजी में बिलकुल भी नजर नहीं आ रहा है। यही कारण है दोनों देश के सैन्य अधिकारियों की मीटिंग 15 घंटे तक चली। इस मीटिंग के बाद सामने यह निकलकर आया है कि भारत ने चीन को सीमा पर यथास्थिति कायम करने की स्पष्ट नसीहत दी है। न्यूज एजेंसी को सरकारी सूत्रों ने बताया – सेना ने चीन से साफ किया कि सीमा पर शांति वापस लाने के लिये सभी परस्पर सहमत प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
India-China agree on total disengagement at all flashpoints: Sources
After a 14-hour long marathon meeting between Indian and Chinese military leader, the two sides have agreed to a total disengagement from all flashpoints along the LAC
https://t.co/nd2gaTzi3K via @IndiaToday— Amit Paranjape (@aparanjape) July 15, 2020
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का चौथा दौर एलएसी के भारतीय सीमा के चुशूल में मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू हुआ था। मंगलवार को शुरू हुई बैठक बुधवार सुबह 2 बजे समाप्त हुई। दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच गहन और जटिल बातचीत हुई। दोनों पक्ष पीछे हटने के अगले चरण के कुछ तौर-तरीकों पर सहमत हो गये। वार्ता को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया।
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने को वार्ता के विवरण से अवगत कराया गया है। नरवने ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। वह आने वाले दिन में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ एक और बैठक करने वाले हैं। 5 मई से शुरू हुए तनावपूर्ण गतिरोध के बाद मंगलवार की चर्चा दोनों सेनाओं के बीच सबसे लंबी बातचीत थी। 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का तीसरा दौर 12 घंटे तक चला था।
Galwan Valley incident of Eastern Ladakh discussed during the India-EU Summit today. Prime Minister @narendramodi briefed the EU on the latest aggression of China which led to deadly violence resulting in casualties on both sides. EU supports efforts for peaceful resolution. pic.twitter.com/kRe9Eaqcpx
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 15, 2020
इस बैठक का मुख्य केंद्र पैंगोंग सो और डेप्सांग जैसे सभी विवाद वाली जगहों से तय टाइम फ्रेम डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के लिये एक रूपरेखा को अंतिम रूप देना था। चीन को स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया है कि उसे समझौतों और प्रोटोकॉल के सभी प्रासंगिक प्रावधानों का पालन करना ही होगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है तय बिन्दुओं पर कार्रवाई सुनिश्चित करने से पहले सैन्य अफसरों की एक और मीटिंग होगी।