New Delhi : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने एलएसी पर चीन की ओर मोल्डो में सोमवार को मैराथन बैठक की। इस बातचीत में दोनों देशों के अधिकारियों ने सीमा पर जारी तनाव को कम करने को लेकर बात की। भारत ने चीनी सैनिकों से उसी स्थान पर वापस जाने को कहा, जहां पर वे अप्रैल महीने की शुरुआत में थे। भारतीय पक्ष ने फिंगर एरिया, जहां चीनी सैनिकों ने बंकर, पिलबॉक्स और ऑबजर्वेशन पोस्ट बनाए हुए हैं, उन्हें हटाने और चीनी सैनिकों से वहां से वापस जाने को कहा।
India, China corps commanders hold talks for over 10 hours, meeting still on
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— ANI Digital (@ani_digital) June 22, 2020
सेना ने 15 जून को हुई झड़प वाली जगह गलवान घाटी से पीएलए सैनिकों की वापसी की भी मांग की। इसके साथ ही प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करने की मांग की है। लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे के आसपास शुरू हुई और रात 10.15 बजे तक चली। हालांकि, इस बैठक को लेकर अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।
भारत ने चीनी पक्ष से सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करने को लेकर आश्वासन की मांग की है। बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून से पहले 5-6 मई को पैंगोंग सो में भारतीय और चीनी सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने आ चुके थे। भारत सीमा के किनारे ‘गहराई वाले इलाकों’ में चीन की सैन्य तैनाती को कम करने की भी मांग कर रहा था। इस बातचीत का उद्देश्य फिंगर एरिया, गोगरा पोस्ट-हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी में पहले की यथास्थिति को बहाल करना था।
सेना विशेष रूप से पीएलए (चीनी सैनिक) की उपस्थिति के बारे में चिंतित थी, विशेषकर पिछले सात सप्ताह में फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच में हुई चीनी गतिविधियों को लेकर। फिंगर एरिया में चीनी सैनिकों की उपस्थिति भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग के क्षेत्र को सीमित कर सकती है। भारत ने बातचीत के दौरान पैंगोंग सो, गोगरा पोस्ट हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना के बिल्ड अप्स, बख्तरबंद गाड़ियां और तोपों की मौजूदगी पर भी चिंता जाहिर की।
Joseph Thomas also helps us understand the McMahon line, the Line of Actual Control in Ladakh, how maps are delineated and demarcated and more on today's episode of BIC Talks.
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— Bangalore International Centre (@BIC_Blr) June 23, 2020
कॉर्प्स कमांडर रैंक के दो अधिकारियों की यह दूसरी बैठक थी। इससे पहले दोनों छह जून को बैठक कर चुके हैं, तब दोनों देशों के सैनिकों के डि-एस्केलेशन पर सहमति बनी थी। हालांकि, बाद में मामला बढ़ा और 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हुआ।