योगी सरकार बोली- हमने रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया क्योंकि सुबह होते ही जातीय फसाद हो जाता

New Delhi : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार 6 अक्टूबर को कहा कि हाथरस की पीड़िता का अंतिम संस्कार देर रात किया गया क्योंकि सुबह में जातीय फसाद हो जाता। लाखों लोग जुट सकते थे। हमने परिवार को इन आशंकाओं के आधार पर ही तैयार किया और परिवार की रजामंदी से ही अंतिम संस्कार किया गया। इधर हाथरस प्रकरण में ही चार युवकों को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है। इनमें तीन उत्तर प्रदेश के हैं जबकि एक केरल का है। चारों पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुये हैं जिसका कार्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है और दिल्ली में इसको बैन कर दिया गया था।

इन चारों युवकों को इस आशंका में गिरफ्तार किया गया है कि वे हाथरस प्रकरण की आड़ में फसाद की साजिश रच रहे हैं। वैसे सुप्रीम कोर्ट में आज जब इस मामले की सुनवाई हुई तो भी उत्तर प्रदेश सरकार का यही कहना था कि हाथरस प्रकरण की आड़ में फसाद की योजनाएं बन रही हैं। हाथरस प्रकरण की हाईलेवल जांच की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट दिया, जिसमें कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिये CBI जांच के आदेश दिये जायें। सुप्रीम कोर्ट को खुद भी CBI जांच की निगरानी करनी चाहिये। सरकार को बदनाम करने के लिये नफरत भरा कैंपेन चलाया गया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने का एक ‘अंतरराष्ट्रीय’ षडयंत्र का खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया है। पुलिस ने हाथरस के छंदपा पुलिस स्टेशन में अज्ञातों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है, जिसमें अन्य आरोपों के आलावा देशद्रोह की धाराएं भी लगाई गईं हैं। इस केस में त्वरित जांच की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले में पुलिस को एक आरोपी भी मिल गया है। इसने justiceforhathrasvictim.carrd.co वेबसाइट बनाई थी। कहा जा रहा है कि इसी वेबसाइट के जरिये साजिश रची जा रही थी जबकि इससे जुड़े लोगों का कहना है कि इस पर हाथरस प्रकरण के खिलाफ सुरक्षित प्रदर्शन और पुलिस से बचाव करते हुये प्रदर्शन में शामिल होने की जानकारियां दी जा रहीं थीं।
खुफिया के हवाले से ऐसी मीडिया रिपोर्टस सामने आईं जिसमें कहा गया कि जानबूझ कर उत्तर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने और जातीय उन्माद फैलाने का षडयंत्र किया गया। इसमें एक दो संगठनों का नाम भी सामने आया है। इसके लिये फॉरेन फंडिंग के भी आरोप लग रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रविवार को कहा था कि विपक्षियों को प्रदेश का विकास कार्य बर्दाश्त नहीं हो रहा। सरकार को बेपटरी करने के लिये, विकास के रास्ते से डिगाने के लिये जातीय उन्माद फैलाने के षडयंत्र रचे जा रहे हैं।

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