कश्मीर आईजी बोले- 31 साल में पहली बार पुलवामा में कोई दहशतगर्द जिंदा नहीं बचा है

New Delhi : दक्षिण कश्मीर का पुलवामा जिला कभी दहशतगर्दों का गढ़ कहा जाता था। यहां के त्राल में कमांडर बुरहान वानी और जाकिर मूसा जैसे दहशतगर्द पैदा हुये। दोनों पहले ही सुरक्षाबलों के हाथों जान गंवा चुके हैं। शुक्रवार को त्राल के चेवा उल्लार इलाके में 3 दहशतगर्दों ढेर कर दिये गये। कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया – 1989 से त्राल में दहशतगर्द सक्रिय थे, लेकिन अब यहां हिजबुल मुजाहीदीन या किसी दूसरे संगठन का कोई दहशतगर्द मौजूद नहीं है, सभी मारे जा चुके हैं। ऐसा 31 साल में पहली बार हुआ है।

पुलिस के मुताबिक, अवंतीपोरा के त्राल में दहशतगर्द के मौजूद होने का इनपुट मिला था। इसके बाद गुरुवार शाम को सेना, सीआरपीएफ और पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। सेना के ब्रिगेडियर वी महादेवन ने बताया कि हमने उनको सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में 3 मारे गये। शुक्रवार को इनके शव बरामद हुये।
उधर, अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में शुक्रवार को दहशतगर्दों ने सीआरपीएफ की पार्टी पर फायरिंग की। इसमें एक जवान और 5 साल के बच्चे को गोली लगी। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक दोनों की जान चली गई।

इससे पहले गुरुवार को बारामूला जिले के सोपोर इलाके में भी 2 दहशतगर्द ढेर कर दिये थे। जम्मू-कश्मीर में इस महीने 15 एनकाउंटर में अब तक 46 दहशतगर्द मारे जा चुके हैं। आतंकियों के मददगारों को पकड़ने का सिलसिला भी जारी है। बडगाम के नरबल इलाके में बुधवार को आर्मी और पुलिस ने कार्रवाई कर लश्कर-ए-तैयबा के 5 मददगारों को गिरफ्तार किया था। इनका पाकिस्तान से कनेक्शन मिला है।

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