मान भी जाओ नीतीश : कोरोना लॉकडाउन में कोटा में फंसे बिहार के छात्र अनशन पर बैठ गये हैं

New Delhi : मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेस एग्जाम्स की कोचिंग कर रहे बिहार के करीब 11 हजार छात्र-छात्राएं अभी भी लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, उत्तराखंड समेत कई राज्य सरकारों ने अपने राज्य के बच्चों को स्पेशल बस सर्विस के जरिये सभी छात्रों को उनके घर तक पहुंचा चुकी है। बिहार के बच्चों के लगातार आग्रह के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो इन लोगों ने गांधीवादी तरीका अपना लिया है। उपवास के जरिए ये छात्र बिहार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें भी दूसरे राज्यों के बच्चों की तरह कोटा से निकालकर घर पहुंचाया जाये।

बिहार जाने के लिये उपवास पर बैठ गईं छात्राएं

वैसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरे राज्यों द्वारा बच्चों को कोटा से निकालने का लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों नीतीश ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोटा में पढ़ रहे वहां के बच्चों को बसों से उनके घर पहुंचाए जाने के फैसले का जमकर विरोध किया था और कहा था कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन है। उन्होंने कहा था कि अगर बच्चों को वापस लाया जायेगा तो यह लॉकडाउन सफल नहीं होगा। नीतीश कुमार ने कहा है कि राजस्थान सरकार वहां रह रहे छात्रों को पूरी सुविधा दे।
इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की है कि जिन राज्यों के विद्यार्थी अभी भी कोटा में फंसे हुए हैं, उन्हें उनकी सरकारें घर पहुंचाने में सहयोग करे। राजस्थान सरकार इसके लिए बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ की सरकार से बात कर रही है। इन राज्यों के हजारों बच्चे अभी भी देश की कोचिंग कैपिटल कोटा में फंसे हुए हैं। झारखंड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 2500-2500 हजार छात्र कोटा में मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही अपने राज्य के बच्चों को वापस ला चुकी है। इसके बाद हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और असम के बच्चे भी पिछले दो दिनों में अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो चुके हैं।
बिहार के हजारों बच्चे हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा आते हैं। इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद से ये बच्चे कोटा में ही फंसे हुए हैं। बच्चों के अलावा उनके परिजन भी लगातार राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें कोटा से वापस लाने की व्यवस्था की जाए। जब इस गुहार का राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा तो ये बच्चे अपने-अपने हॉस्टलों में तख्तियां लेकर उपवास पर बैठ गए हैं। इन बच्चों का कहना है कि जब तक उन्हें घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं होती है उनका उपवास जारी रहेगा।

कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्र विशेष बसों की मदद से लाये गये

कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने के मामले में गुरुवार को एक याचिका पर पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि 5 दिनों के अंदर इस मामले पर जवाब दें। अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। पटना निवासी पवन कुमार के वकील प्रकृति शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। राज्य के मुख्य सचिव को इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *