संघर्ष की मिसाल है ये बाहुबली- अरुणाचल की पहली महिला लेफ्टिनेंट कर्नल बन डोमिंग ने इतिहास रचा

New Delhi : नारी क्या नहीं कर सकती। हर रोज नये कीर्तिमान रचती है। अपने परिवार, अपने घर, गांव और देश का मान बढ़ाती हैं। ऐसा ही कारनामा किया पोनुंग डोमिंग ने। अरुणाचल प्रदेश से भारतीय सेना में सर्वोच्च पद पर जाने वाली मेजर पोनुंग डोमिंग ने पिछले वर्ष इतिहास रच दिया। वो अपने प्रदेश से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत होने वाली पहली महिला सेना अधिकारी के तौर पर जानी गईं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर उन्हें वास्तविक सशक्त और साहसी महिला कहकर नवाजा।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खंडू ने भी उन्हें बधाई दी थी और लिखा – वो अरुणाचल की पहली महिला अफसर हैं, जो लेफ्टिनेंट कर्नल बनीं। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर इन अफसर को बधाई भी दी। डोमिंग पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट के जीटीसी की रहने वाली हैं। वो अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी बेटी हैं। उन्हें इससे पहले अरुणाचल प्रदेश से पहला आर्मी मेजर बनने का गौरव मिला हुआ है। सरकारी स्कूल से पढ़ी पोन डोमिंग बचपन से ही सैन्य अफसर बनना चाहती थीं।
डोमिंग ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है। 12वीं के बाद प्रवेश परीक्षा पास करके डोमिंग ने 2005 में महाराष्ट्र के वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एल एंड टी कंपनी कोलकाता में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने लगभग दो साल तक काम किया। इस बीच उन्होंने सर्विस सेलेक्शन बोर्ड इलाहाबाद के लिए अपनी तैयारी जारी रखी।

2008 में वह भारतीय सेना में दाखिल होकर ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में ट्रेनिंग लेने चली गईं। फिर सितंबर 2008 में लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल होने के साढ़े चार साल के भीतर वो मेजर के पद पर पहुंच गईं। साल 2014 में उन्होंने डेमोक्रेटिक रीपब्लिक ऑफ कांगो में यूनाइटेड नेशनल पीस कीपिंग मिशन ज्वाइन किया।

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