पाक आतंकियों से 10000 फुट पर निहत्थे भिड़े कमांडो, पांच शहीद जवान सर्जिकल स्ट्राइक टीम के मेंबर थे

New Delhi : जब पूरी दुनिया एकसाथ मिलकर Corona को हराने में लगे हैं। ऐसे में भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने बर्फबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ कराने की कोशिश की। घुसपैठ की कोशिश करने वाले पांच को तो वीर जवानों ने 32 हूरों के पास पहुंचा दिया लेकिन इसमें पांच वीर जवान शहीद भी हो गये। ये जवान सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल रही 4 पैराशूट रेजिमेंट के थे।

इलाके का एक दृश्य। ये बेहद दुर्गम इलाका है।


स्पेशल फोर्स और घुसपैठियों के बीच यह लड़ाई बर्फ के बीच 10 हजार फीट पर कश्मीर के केरन सेक्टर में हुई। 4 पैराशूट रेजिमेंट के पांच जवानों ने सभी सशस्त्र घुसपैठियों की साजिश को नाकाम कर दिया। उससे पहले कि वे कोई बड़ा नुकसान कर पाते, शनिवार को एक छोटे से संघर्ष में भारतीय जवानों ने सभी घुसपैठियों को मार गिराया। ये पांचों सैनिक उस स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे जिसने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की तरफ से आये पांचों घुसपैठिये प्राण पखेरू उड़ गये, लेकिन इसमें भारतीय जवान भी घायल हो गए जिन्हें तुरंत ही मिलिट्री हॉस्पिटल लाया गया। लेकिन उन्हें बचाया न जा सका। स्पेशल फोर्स के जवानों को जैसे ही घुसपैठियों की सूचना मिली, उन्हें तुरंत हवाई माध्यम से आतंकियों के एकदम नजदीक पहुंचाया गया।
यह लड़ाई इतनी नजदीक से हुई है कि एक जवान का शव ठीक उस आतं”’की की बगल में मिला जिसे उसने मारा था। घायल जवानों में से दो को हॉस्पिटल पहुंचाया गया था लेकिन दोनों जवानों ने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ दिया। वहीं तीन भारतीय जवान युद्ध स्थल पर ही शहीद हुए। इस तरह कुल पांच भारतीय जवान शहीद हो गए।
केरन सेक्टर में घुसपैठ की तस्वीरें एक मानवरहित एरियल वीइकल से लेने के बाद ही ऑपेरशन को अंजाम दिया गया था। संबंधित इलाके में भारी बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से रेगुलर आर्मी यूनिट को भेजने में समस्या आ रही थी, इसलिए शनिवार के दिन घुसपैठियों की तलाश के लिए स्पेशल फोर्सेज को भेजा गया था। घुसपैठियों को मार गिराने के लिए स्पेशल यूनिट की दो स्क्वाड्स को तैनात किया गया था। खराब दृश्यता और बर्फबारी के बीच ऑपेरशन को अंजाम दिया जाना तय हुआ।


सूबेदार संजीव कुमार के नेतृत्व वाले स्क्वॉड ने आतंकियों के पदचिन्हों को पहचानकर उनका पीछा किया था। इसी बीच चलते-चलते स्क्वॉड के तीन जवान बर्फ में धंस गए। इत्तिफाक से आतंकी भी वहीं छिपे हुए थे। चूंकि घुसपैठियों को सेना के आने की आहट मिल गई थी, लिहाजा उन्हें इसका फायदा मिला। स्क्वॉड के जवानों ने हालांकि अपनी जान की बाजी लगाते हुए उनसे लोहा लिया।


अपने तीन जवानों को एकदम नजदीक की लड़ाई में फंसा हुआ देख आतंकियों से लड़ने के लिए बाकी दो जवान भी उसी जगह कूद गए। जब बाकी जवानों ने पोजीशन ली, तब जवानों और घुसपैठियों के बीच मुश्किल से कुछ फुट भर की जगह रही होगी। पैरा जवानों ने बर्फ में धंसने के बावजूद जमकर लड़ाई लड़ी। एक दूसरे सोर्स ने बताया कि इस तरह की हैंड टु हैंड लड़ाइयां बहुत कम होती हैं। अधिकतर एनकाउंटर्स एक दूरी मेंटेन करके ही होते हैं। पांच शहीद जवानों में से दो हिमाचल प्रदेश के दो उत्तराखंड के और एक राजस्थान के थे।

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