बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 को खुलेंगे, सिर्फ 27 लोग रहेंगे : मद्महेश्वर मन्दिर के कपाट खुले

New Delhi : बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4.30 बजे खुलेंगे। इस दौरान मुख्य पुजारी समेत सिर्फ 27 लोग मौजूद रहेंगे। इनमें पुजारी और देवस्थान बोर्ड के अधिकारी शामिल होंगे। श्रद्दालुओं को मौजूद रहने की इजाजत नहीं होगी। जोशीमठ के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट अनिल चन्याल ने यह जानकारी दी है। मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी का कोरोना टेस्ट दो बार निगेटिव आ चुका है। वे दो हफ्ते का क्वारैंटाइन पूरा कर चुके हैं। केरल से लौटने की वजह से उन्हें क्वारैंटाइन किया गया था।

इधर द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मन्दिर के कपाट सोमवार को सुबह 11 बजे वैदिक मंत्रोच्चार व पौराणिक रीति रिवाजों के साथ खोल दिए गए हैं। अब छह माह भगवान की पूजा अर्चना मद्महेश्वर में ही होगी। वहीं लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने सीमित लोगों को ही धाम जाने की अनुमति दी।
सोमवार को सुबह छह बजे डोली गोंडार से रवाना हुई। 10 बजे देवदर्शनी में पहुंचने के बाद कुछ ही देर में मंदिर परिसर पहुंची। यहां ठीक 11 बजे मन्दिर के कपाट खोल दिए गए। बीते शनिवार को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर उखीमठ से भगवान की चलविग्रह उत्सव डोली उच्च हिमालय क्षेत्र मद्महेश्वर धाम के लिए रवाना हुई थी। प्रथम पड़ाव रांसी व द्वितीय पड़ाव गोंडार में रात्रि विश्राम करने के बाद डोली मद्महेश्वर मन्दिर परिसर में पहुंची। सोमवार को सुबह 5 बजे गोंडार में पुजारी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान का अभिषेक, श्रृंगार,भोग एवं पूजा अर्चना की गई। भगवान की डोली भोले के जयकारों के साथ धाम के लिए रवाना हुई।
बद्रीनाथ धाम में भगवान के पांच स्वरूपों की पूजा की जाती है। विष्णुजी के इन पंच स्वरूपों को पंच बद्री कहा जाता है। बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार स्वरूपों के मंदिर भी यहीं हैं। श्री विशाल बद्री पंच स्वरूपों में मुख्य हैं। आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा तय की गई व्यवस्था के मुताबिक बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है। मंदिर हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक दर्शनों के लिए खुला रहता है।

पहले 30 अप्रैल को कपाट खोलने का शेड्यूल था, लेकिन लॉकडाउन और मुख्य पुजारी के क्वारैंटाइन होने की वजह से तारीख आगे बढ़ाई गई थी। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कम से कम लोगों की मौजूदगी में कपाट खोलने का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड देवस्थान बोर्ड ने बर्फ हटाने से लेकर पानी-बिजली तक के इंतजाम पूरे कर लिए हैं। तैयारियों में जुटे लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी है। 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ के कपाट खुले। इस बार कपाट खुलने के दौरान 15-16 लोग ही मौजूद रहे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। पिछले साल केदारनाथ के कपाट खुलने के दिन 3 हजार लोगों ने दर्शन किए थे।

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