ऑनलाइन परीक्षा की अनुमति- विश्वविद्यालय और कॉलेज में अब 30 सितंबर तक होंगी परीक्षाएं

New Delhi : देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 लाख 18 हजार 872 हो गई है। इस बीच गृह मंत्रालय ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं कराने की मंजूरी दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है – परीक्षा कराने के दौरान संक्रमण से बचाव के लिये जरूरी कदम उठाने होंगे। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद यूजीसी ने सोमवार देर रात विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइड लाइन जारी की है।

इसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है। जो ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी। यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी छूट दे दी है, वह इन परीक्षाओं की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं। हालांकि यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।
यूजीसी के नियम के अनुसार स्नातक, परास्नातक और प्रोफेशनल कोर्स के अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं अनिवार्य हैं। मंत्रालय ने ये भी कहा कि परीक्षा के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।

इधर दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 1 करोड़ 16 लाख 52 हजार 385 संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 65 लाख 89 हजार 218 लोग ठीक हो चुके हैं। इजराइल में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर फिर से क्लब, जिम और बार बंद करने के आदेश दिये गये हैं। सरकार के नये आदेशों के मुताबिक धार्मिक स्थल पर केवल 19 लोग जुट सकेंगे। बंद रेस्टोरेंट में 20 और खुले में 30 से ज्यादा लोग मौजूद नहीं रहेंगे।
कोरोना महामारी का असर ब्रिटेन की कई यूनिवर्सटी में पड़ा है। इंस्टीट्यूट ऑफ फिस्कल स्टडीज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर सरकार से बेलआउट पैकेज नहीं मिला तो यहां की 13 यूनिवर्सिटी बंद हो जायेंगी।
इधर आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस रोकने के लिए को-वैक्सीन बना रही है। 15 अगस्त को इसके लॉन्चिंग की तैयारी है। इसके लिए 7 जुलाई (मंगलवार) से मानव शरीर पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के शिक्षक चिरंजीत धीवर ने ट्रायल के लिए अपना शरीर देने की पेशकश की थी। जिसे स्वीकार करते हुए आईसीएमआर द्वारा उसे सूचित किया गया है कि उसका चयन ट्रायल के लिए किया गया है।

चिरंजीत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता हैं, उनका कहना है कि संघ से प्रेरित होकर वह मानव सेवा के लिए आगे आए हैं। आईसीएमआर द्वारा इस व्यक्ति का ट्रायल कोरोना संक्रमित और गैर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों पर किया जाएगा। भुवनेश्वर के द आईएमएस एंड एसयूम अस्पताल में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिसके लिए चिरंजीत का चयन किया गया है। वैसे कल केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 अगस्त तक किसी भी सूरत में कोरोना का वैक्सीन संभव नहीं है। 2021 से पहले वैक्सीन लाना संभव नहीं हो सकेगा।

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