मनमोहन बोले- PM को देश की सुरक्षा और रणनीति जैसे मुद्दों पर सोच-समझकर बयान देना चाहिये

New Delhi : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से कहा – वह शहीद हुये 20 सैनिकों के लिये न्याय सुनिश्चित करें और भारत की क्षेत्रीय अखंडता का बचाव करें। मोदी को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिये तथा सरकार के सभी अंगों को मिलकर मौजूदा चुनौती का सामना करना चाहिये। पीएम चीन को अपने शब्दों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। पीएम को हमेशा अपने शब्दों को लेकर राष्ट्र की सुरक्षा पर घोषणाओं के लिए सावधान रहना चाहिये। कूटनीति के लिए गलत जानकारी सही नहीं है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन तनाव विषय पर शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा था – न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। उनके इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की कुछ हलकों में शरारतपूर्ण व्याख्या की कोशिश की जा रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा – 15-16 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत के 20 बहादुर जवानों ने वीरता के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। इस सर्वोच्च बलिदान के लिये हम इन साहसी सैनिकों एवं उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिये।
सिंह ने कहा – आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय एवं सरकार द्वारा उठाये गये कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। उनके मुताबिक हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व घोषणाओं द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक तथा भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिये।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा- चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान घाटी एवं पांगोंग सो झील इलाके में अनेकों बार घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों एवं दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने तथा स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।
सिंह ने कहा – यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।

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