रंगरूप बदलकर फिर आयेगा लॉकडाउन : 18 मई से चौथा चरण शुरू होगा, नये नियमों में काम होंगे

New Delhi : PM Narendra Modi ने आज 12 मई को रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा – चार महीने से कोरोना से दुनिया लड़ रही है। 42 लाख से ज्यादा संक्रमित हुये हैं। एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में जुटे हैं। हमने न ऐसा कभी देखा न सोचा। यह क्राइसिस अभूतपूर्व है। थकना मानव को मंजूर नहीं है। खुद को बचाकर आगे बढ़ना है। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिये विशेष पैकेज की घोषणा की। 20 लाख करोड़ का पैकेज है। भारत की जीडीपी का 10 फीसदी है। प्रधानमंत्री ने कहा लॉकडाउन का चौथा चरण नये रंग रूप में सामने आयेगा। नये नियमों के साथ आयेगा। 15 मई तक राज्यों से सुझाव आ जायेंगे और 18 मई से पहले कहां कैसा होगा लॉकडाउन इसकी घोषणा कर दी जायेगी।

प्रधानमंत्री ने लोगों से लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा सिर्फ लोकल खरीदें ही नहीं लोकल का प्रचार भी करें। आज जो बड़े ब्रांड हैं कभी वो लोकल हुआ करते थे। लेकिन सभी ने अपने प्रोडक्ट्स का समर्थन किया और सभी मल्टीनेशनल बड़े ब्रांड बन गये। दुनिया में जो स्थिति बनी है उसे देखने के बाद यह सीख मिलती है आत्मनिर्भर भारत। यही रास्ता है। यह आपदा भारत संकेत लेकर आई है। अवसर लेकर आई है। कोरोना से पहले पीपीई किट और एन 95 मास्क नहीं बनते थे। अब यहां रोज 2 लाख पीपीई और मास्क बनाये जा रहे हैं। क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया।
आत्मनिर्भरता के मायने बदल गये हैं। जैसे ही भारत आत्मनिर्भर हुआ इसका असर दुनिया पर पड़ता है। योग दिवस दुनिया के लिये भारत से उपहार है। दुनिया को भरोसा है कि भारत बहुत अच्छा करेगा। भारत में बेहतरीन मानव संसाधन हैं। पीएम मोदी ने कच्छ का उदाहरण दिया कि कैसे पूरा कच्छ जमींदोज होने के बाद उठ गया। पांच पीलर पर खड़ा होगा भारत। पहला अर्थव्वस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्रैफी और डिमांड भारत को आत्मनिर्भर बनायेगा।

इससे पहले कल 11 मई को प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना आपदा और लॉकडाउन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये विचार विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना से लड़ाई में अच्छी सक्रियता दिखाने और जमीनी स्तर के अनुभव से जुड़ी कीमती सलाह के लिए मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा – मैं आप सब से निवेदन करता हूं कि 15 मई तक अपने राज्य में कैसे लॉकडाउन लागू करना चाहते हैं, इसे लेकर अपनी रणनीति जाहिर करें। मैं चाहता हूं कि राज्य लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद की बारीकियों का एक ब्लूप्रिंट तैयार करें। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहे।
इस वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले – केंद्र लॉकडाउन पर जो भी फैसला लेगा हम उससे सहमत होंगे, लेकिन हमारी सलाह है कि मई के अंत तक लॉकडाउन बढ़ाया जाये। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा – मई मे तो कोरोना पीक पर है ही। जून और जुलाई में भी कोरोना अपने पीक पर होगा। इसलिये केंद्र सरकार को कोई भी फैसला बेहद सावधानीपूर्वक और इस परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिये। स्टेट पुलिस कोरोना में पूरे सिस्टम को बहाल रखने को लेकर बहुत दबाव में है। पुलिस के जवान लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र सरकार को राज्यों को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराना चाहिये।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा – मैंने वुहान केस बहुत स्टडी किया है। WHO भी चेता रहा है। हमलोगों को इस बात के लिये मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिये कि जून और जुलाई महीने में कोरोना पीक पर रहेगा। और इसी हिसाब से फैसले करने चाहिये। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिजनेस एक्टिविटी शुरू करने की रिक्वेस्ट की।
अरविंद केजरीवाल ने कहा – दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी इलाकों में हमें बिजनेस और आर्थिक गतिविधयां शुरू करने की छूट मिलनी चाहिये। पब्लिक बिजनेस और इकोनामिक गतिविधिया बंद रहने की वजह से पब्लिक बहुत परेशान हो गई है। कोई न कोई तरीका निकालना होगा। कोरोना के साथ जीना सीखना ही होगा। बिजनेस एक्टिविटी शुरू नहीं हुईं तो लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होगी। इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा – एक राज्य के तौर पर हमने कोरोना संक्रमण से लड़ने में बेहतर कर रहे हैं। केन्द्र को इस मुश्किल घड़ी में राजनीति नहीं करनी चाहिये। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हुए हैं और इसका सामना करना चुनौतीपूर्ण है।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि हमने इस बात पर जोर दिया कि जो जहां पर हैं वे वहीं पर रहें। लेकिन, घर जाना मानव का स्वभाव है इसलिए कुछ निर्णय बदलने भी पड़े। इसके बावजूद यह सुनिश्चित करना कि यह न फैले और गांव तक न जाये ये हमारे लिए बड़ी चुनौती है। वे उनके घर जाने की जरूरत को समझते हैं।

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