New Delhi : सूरमा भोपाली के यादगार किरदार को पर्दे पर अमर कर देनेवाले भारतीय सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन जगदीप का देर शाम मुम्बई में निधन हो गया। उन्होंने हिंदी सिनेमा में बतौर बाल कलाकार एक्टिंग शुरू की और इंडस्ट्री के टॉप कामेडियन में शुमार हुये।
29 मार्च 1939 को उस समय के सेंट्रल प्रोविन्स (मध्यप्रदेश) के दतिया में जन्में जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक जाफरी था। उनके पिता बैरिस्टर थे। 1947 में देश का बंटवारा हुआ और उसी साल उनके पिता गुजर गए। उनका परिवार दर-दर की ठोकरे खाने लगा। मां जगदीप और बाकी बच्चों को लेकर मुम्बई चली आई और घर चलाने के लिए एक अनाथ आश्रम में खाना बनाने लगी।
Actor Jagdeep Memorable Video | RIP Jagdeep | RT if u like his role is Soorma Bhopali In Sholay #Jagdeep #SoormaBhopali #Sholay pic.twitter.com/1d0IulKky7
— KridhaProductions (@Kridha_ENT) July 8, 2020
जगदीप मां की ये हालत देखकर रोते थे। मां की मदद के लिए उन्होंने स्कूल छोड़कर सड़क पर साबुन-कंघी और पतंगें बेचना शुरू कर दिया था। एक इंटरव्यू में जगदीप ने अपने बचपन के संघर्ष को याद करते हुए कहा था- मुझे जिंदा रहने के लिए कुछ करना था, लेकिन मैं कोई गलत काम करके पैसा नहीं कमाना चाहता था इसलिए सड़क पर सामान बेचने लगा।
इसी बीच बीआर चोपड़ा ‘अफसाना’ नाम की फिल्म बना रहे थे और इसके एक सीन के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट्स चाहिये थे। लिहाजा एक्स्ट्रा सप्लायर बच्चों को जमा कर लाया, जिनमें जगदीप भी थे। इस फिल्म में उन्होंने काम किया, क्योंकि कंघी बेचकर दिनभर में वो सिर्फ रुपया-डेढ़ रुपया कमा पाते थे, जबकि अफसाना के सेट पर उन्हें सिर्फ ताली बजाने के 3 रुपए मिल रहे थे।
Legendary actor Jagdeep dies at 81.
Soorma Bhopali would live foreover 🙏#Jagdeep #Rip #Bollywood pic.twitter.com/QX3ilE6Q7F
— Rare Classics (@ClassicsRare) July 8, 2020
इसके बाद चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में ही उन्होंने ‘लैला मजनूं’ में काम किया। जगदीप ने कॉमिक रोल बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ से करने शुरू किये थे। उन्होंने करीब 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। 2012 में वे आखिरी बार ‘गली गली चोर’ फिल्म में पुलिस कांस्टेबल की भूमिका में नजर आए थे।
May you rest in peace Jagdeep sahab. Thank you for filling our lives with smiles. 🙏🏽
— Abhishek Bachchan (@juniorbachchan) July 8, 2020
1975 में आई शोले में निभाये गये सूरमा भोपाली के किरदार ने उन्हें बॉलीवुड में मशहूर किया था। इस किरदार के नाम पर 1988 में भी फिल्म बनी, उसमें भी मुख्य भूमिका जगदीप ने ही निभाई। इसके अलावा ब्रह्मचारी, नागिन और अंदाज अपना-अपना जैसी फिल्मों में उनकी कॉमेडी को काफी पसंद किया गया। जगदीप ने खुद को उस दौर में स्थापित किया, जब जॉनी वॉकर और महमूद की तूती बोलती थी।
#Jagdeep Sahab, you are a true artist of cinema as well as of life. We will always miss you! pic.twitter.com/fGraDJfFUp
— Gaane Naye Purane (@GaaneNayePurane) July 8, 2020
जगदीप पर कई शानदार गाने भी फिल्माये गये हैं। जिसमें से एक – पास बैठो तबीयत बहल जायेगी…. बहुत जबरदस्त हिट साबित हुआ। फिल्म हम पंछी एक डाल के में उनके शानदार अभिनय को देखते हुये पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शानदार उपहार देकर सम्मानित किया था।