मुरादाबाद में डाक्टर टीम पर हमला

जिस गली में फेंके थे डॉक्टर पर पत्थर, वहां एक ही परिवार के तीन सगे भाइयों की जान कोरोना से गई

New Delhi : कोरोना आपदा में डाक्टरों के साथ उद्दंडता के कारण उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का नवाबपुरा इलाका खास चर्चा में आया था। यहां के लोगों ने पुलिस और डॉक्टरों की टीम पर पत्थर फेंके थे। प्रदेश ही नहीं देशभर में इस कृत्य की आलोचना होने लगी। खास यह था कि डॉक्टर इस इलाके में एक ही परिवार के कुछ संदिग्ध लोगों को क्वारैंटाइन करने गये थे। अब यह मोहल्ला एक बार फिर चर्चा में है। मोहल्ले में अब उसी परिवार में तीन सगे भाइयों की जान कोरोना की वजह से चली गई है। यहीं से डॉक्टरों पर पत्थर फेंके गए थे। तीनों सगे भाइयों की एक के बाद एक जान चली गई है। इनमें से दो कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जबकि तीसरे की कोरोना की जांच ही नहीं होने दी गई। चूंकि दो भाई कोरोना का शिकार हुए इसलिये ऐसा माना जा रहा है कि तीसरे की भी इसी बीमारी से जान गई होगी।

तबलीगी जमातियों को अस्पताल ले जाने की तैयारी दिल्ली में। प्रतीकात्मक तस्वीर

सबसे पहले इस परिवार में सबसे बड़े मुखिया की घर पर ही जान चली गई। वह सांस के रोगी थे, लेकिन उनकी कोरोना जांच नहीं हो सकी थी। उसके कुछ ही दिन बाद अचानक उनके दूसरे भाई की तबियत बिगड़ गई। हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें फौरन टीएमयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। वेंटिलेटर स्पोर्ट से उन्हें स्वस्थ करने की कोशिश की जा रही थी। कोरोना की जांच कराई गई। दो दिन बाद आई जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
रिपोर्ट आने के बाद उनकी भी जान चली गई। जिले में वे पहले व्यक्ति थे जिनकी जान कोरोना से गई। अब परिवार की भी जांच को जरूरी समझा गया और उन्हें क्वारैंटाइन कर दिया गया। इनमें बच्चे भी शामिल थे। कुछ दिन बाद ही तीसरे भाई की भी तबियत बिगड़ने लगी थी। उन्हें भी टीएमयू में भर्ती कराया और 17 अप्रैल की रिपोर्ट में वह भी संक्रमित पाये गये और कोरोना से तीसरे भाई की भी जान चली गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को यकीन हो गया कि कोरोना संक्रमण इस परिवार को चपेट में ले चुका है। उसके बाद एक एक कर परिवार की महिलाएं और बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव मिलने लगे। चारों भाइयों का 12 लोगों का पूरा परिवार संक्रमित हो चुका था। थोड़ी सी लापरवाही ने परिवार पर 15 दिनों में दुखों का पहाड़ तोड़ दिया।

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पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने बताया – इसी परिवार की वजह से ही डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके गये थे। बड़े भाई की सांस की तकलीफ से जान गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मोहल्ले में हेल्थ स्क्रीनिंग और इस परिवार के अन्य लोगों को क्वारैंटाइन कराने के लिए लेने गई थी। तभी टीम पर पत्थर फेंके गये थे।

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